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धूम्रपान के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर स्वास्थ्य विभाग ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें धूम्रपान के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया। सीएमओ डॉ. सुमन कोहली ने इस अवसर पर तंबाकू के स्वास्थ्य पर प्रभावों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में सभी उपस्थित लोगों ने धूम्रपान न करने की शपथ ली। इस वर्ष की थीम 'क्या आप बीमारियों भरी जिंदगी एवं दर्दनाक मौत चाहोगे?' है, जो तंबाकू के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने का उद्देश्य रखती है।
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धूम्रपान के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का आयोजन



  • शिक्षण संस्थानों के पास तंबाकू बेचना अपराध : डॉ. रमेश पांचाल

  • स्वास्थ्य विभाग ने जिले में मनाया विश्व तंबाकू निषेध दिवस


(Jind News) जींद। स्वास्थ्य विभाग ने सीएमओ डॉ. सुमन कोहली के नेतृत्व में शनिवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. सुमन कोहली मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला, डिप्टी सीएमओ डॉ. रमेश पांचाल, सीनियर डेंटल सर्जन डॉ. दिनेश गुप्ता, डॉ. पूनम मान, और डॉ. पोरस भी शामिल हुए। सभी उपस्थित लोगों ने धूम्रपान न करने की शपथ ली।


तंबाकू निषेध दिवस की थीम

सीएमओ डॉ. सुमन कोहली ने बताया कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है। आशा वर्कर्स का संपर्क गर्भवती महिलाओं, बच्चों और अन्य लोगों से अधिक होता है, इसलिए वे इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्हें अपने क्षेत्र में नो स्मोकिंग अभियान के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए, क्योंकि इसका गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।


विशेष थीम के साथ मनाया जाता है विश्व तंबाकू निषेध दिवस


डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने कहा कि हर वर्ष इस दिवस को एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। 2025 की थीम है, "क्या आप बीमारियों भरी जिंदगी एवं दर्दनाक मौत चाहोगे?" इसका उद्देश्य लोगों को तंबाकू के खतरों के बारे में जागरूक करना है। हर साल लाखों लोग तंबाकू सेवन के कारण अपनी जान गंवाते हैं।


तंबाकू के स्वास्थ्य पर प्रभाव

तंबाकू से होने वाली गंभीर बीमारियाँ


डिप्टी सीएमओ डॉ. रमेश पांचाल ने बताया कि तंबाकू और धूम्रपान से गले का कैंसर, मुंह का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू और हुक्के का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ उसके आस-पास के लोगों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।


धूम्रपान वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण भी है। सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि में धूम्रपान पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसे स्थानों पर धूम्रपान करते पकड़े जाने पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचना और धूम्रपान करना गैरकानूनी है। स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है।