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नए बैक्टीरिया से सोने का निष्कर्षण: पर्यावरण के अनुकूल तकनीक

वैज्ञानिकों ने एक अनोखे बैक्टीरिया की खोज की है, जो प्रदूषित मिट्टी से सोने का निष्कर्षण करता है। कप्रीएविडस मेटालिड्यूरन्स नामक यह बैक्टीरिया विषाक्त धातुओं को ठोस सोने के कणों में बदलने की क्षमता रखता है। यह प्रक्रिया न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि टिकाऊ खनन के नए तरीके भी प्रस्तुत करती है। जानें इस बैक्टीरिया की विशेषताओं और इसके द्वारा सोने के निष्कर्षण की प्रक्रिया के बारे में।
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नए बैक्टीरिया से सोने का निष्कर्षण: पर्यावरण के अनुकूल तकनीक

प्राकृतिक प्रक्रिया से सोने का निष्कर्षण

वैज्ञानिकों ने एक अनोखे बैक्टीरिया की पहचान की है, जो प्रदूषित मिट्टी से जहरीले तत्वों को खाकर सोने का निष्कर्षण करता है। इस बैक्टीरिया का नाम कप्रीएविडस मेटालिड्यूरन्स है, जो विषाक्त धातुओं से भरी मिट्टी में जीवित रह सकता है और एक जैविक प्रक्रिया के माध्यम से हानिकारक धातु आयनों को ठोस सोने के कणों में परिवर्तित करता है। यह खोज पर्यावरण के अनुकूल धातु निष्कर्षण के नए रास्ते खोलती है।


विषाक्त वातावरण में जीवित रहने की क्षमता

कप्रीएविडस मेटालिड्यूरन्स ऐसे धातु-प्रधान वातावरण में जीवित रहने के लिए स्वाभाविक रूप से अनुकूलित है, जहां अन्य जीवों का जीवन संभव नहीं है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, यह बैक्टीरिया अपने विशेष एंजाइमों का उपयोग करके धातुओं को नियंत्रित और डिटॉक्सिफाई करता है। इसका एक एंजाइम, कपए, अतिरिक्त तांबे को कोशिका से बाहर निकालकर सुरक्षित क्षेत्र में भेजता है, जिससे तांबे का स्तर संतुलित रहता है।


सोने के आयनों का निष्क्रियकरण

सोने के आयन बैक्टीरिया के लिए एक बड़ी चुनौती हैं, क्योंकि ये आसानी से कोशिका झिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं और कपए एंजाइम को बाधित करते हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए बैक्टीरिया कॉपए नामक एक अन्य एंजाइम का उपयोग करता है। यह एंजाइम तांबे और सोने के आयनों से इलेक्ट्रॉन हटाकर उन्हें स्थिर धातु रूप में बदल देता है, जो सुरक्षित क्षेत्र में फंस जाते हैं। जर्मनी की मार्टिन लूथर यूनिवर्सिटी के मॉलिक्यूलर माइक्रोबायोलॉजिस्ट डायट्रिच नीस के अनुसार, "जब पेरीप्लाज्म में धातु सोने के नैनोकण बन जाते हैं, तो वे स्थिर हो जाते हैं और कम विषाक्त होते हैं।"


पर्यावरण में सोने के कणों का उत्सर्जन

जैसे-जैसे सोने के कण जमा होते हैं, बैक्टीरिया की बाहरी झिल्ली फट जाती है, जिससे सूक्ष्म सोने के कण बाहर निकलते हैं। ये कण माइक्रोमीटर आकार के होते हैं और रेत के दानों के समान समूह बना सकते हैं। यह प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल खनन का एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।


टिकाऊ खनन की दिशा में कदम

मेटालोमिक्स में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, इस बैक्टीरियल प्रक्रिया को समझकर और इसका अनुकरण करके सुरक्षित और टिकाऊ सोने निष्कर्षण के तरीके विकसित किए जा सकते हैं। यह बैक्टीरिया मानव चुनौतियों के समाधान में प्रकृति की शक्ति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।