नए साल के बाद हैंगओवर से राहत पाने के 5 प्रभावी उपाय
नए साल का जश्न और हैंगओवर
हर कोई नए साल का जश्न मनाने के लिए तैयार होता है, लेकिन हर किसी का जश्न मनाने का तरीका अलग होता है। आमतौर पर, म्यूजिक, दोस्तों के साथ पार्टी और देर रात तक मस्ती करना नए साल की खासियत होती है। हालांकि, इस जश्न के बाद अगली सुबह सिरदर्द, थकान, उलझन, मतली और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिसे हम हैंगओवर कहते हैं।
चिकित्सकों के अनुसार, हैंगओवर का सबसे प्रभावी इलाज समय है और इसके लक्षण 24 घंटे तक रह सकते हैं। लेकिन कुछ सरल उपायों को अपनाकर आप खुद को बेहतर महसूस कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि हैंगओवर से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
1. खूब पानी और जूस पिएं
शराब पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जो हैंगओवर का एक प्रमुख कारण है। इसलिए, सुबह उठते ही पानी की बोतल भर लें और थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पीते रहें। नारियल पानी, नींबू पानी या ताजे फलों का जूस भी फायदेमंद हो सकता है। ध्यान रखें, हैंगओवर से राहत पाने के लिए दोबारा शराब पीना सही नहीं है, इससे आपकी तबियत और खराब हो सकती है।
2. हल्का और सादा खाना खाएं
हैंगओवर के दौरान पेट संवेदनशील हो जाता है। ऐसे में भारी और मसालेदार खाना नुकसानदेह हो सकता है। हल्के फूड्स जैसे टोस्ट, बिस्किट, खिचड़ी या क्रैकर्स ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करते हैं। सब्जियों का सूप भी शरीर में खोए हुए नमक और पोटैशियम की भरपाई कर सकता है।
3. पेन किलर दवाओं में बरतें सावधानी
अगर सिरदर्द या शरीर में दर्द अधिक हो रहा है, तो बिना पर्ची वाली पेनकिलर दवाएं थोड़ी राहत दे सकती हैं। लेकिन इनका उपयोग सोच-समझकर करें। एस्पिरिन और आइबूप्रोफेन पेट में जलन बढ़ा सकते हैं, खासकर जब शरीर पहले से शराब के प्रभाव में हो। शराब के साथ या उसके तुरंत बाद पैरासिटामोल लेने से लिवर को गंभीर नुकसान हो सकता है।
4. दोबारा नींद लें
नींद शरीर के लिए सबसे अच्छा उपचार है। अगर संभव हो, तो नए साल की पार्टी के अगले दिन खुद को आराम दें और पूरी नींद लें। गहरी नींद से शरीर को रिकवरी का समय मिलता है और हैंगओवर के लक्षण धीरे-धीरे कम हो सकते हैं। कई बार जब आप दोबारा उठते हैं, तो सिरदर्द और थकान काफी हद तक गायब हो जाती है।
5. खुद को समय दें
यह समझना जरूरी है कि हैंगओवर एक झटके में ठीक होने वाली समस्या नहीं है। शरीर को खुद को ठीक करने के लिए समय चाहिए। इसलिए खुद पर ज्यादा दबाव न डालें, काम या जिम्मेदारियों को थोड़ा टालें और शरीर के संकेतों को समझें।
