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नवजात बच्ची को जिंदा दफनाने की घटना: एक साहसी चरवाहे ने बचाई जान

शाहजहांपुर में एक नवजात बच्ची को जिंदा दफनाने की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक चरवाहे की सजगता ने उसकी जान बचा ली। पुलिस अब इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों की तलाश कर रही है। जानें पूरी कहानी और बच्ची की हालत के बारे में।
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नवजात बच्ची को जिंदा दफनाने की घटना: एक साहसी चरवाहे ने बचाई जान

नवजात बच्ची को दफनाने की चौंकाने वाली घटना

नवजात बच्ची को जिंदा दफनाया गया: मानवता को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है, जिसमें एक नवजात बच्ची को मिट्टी में दफन कर दिया गया था। लेकिन शायद किस्मत ने कुछ और ही तय किया था। एक चरवाहे की सजगता ने इस मासूम की जान बचा ली।


यह दिल दहला देने वाली घटना रविवार को शाहजहांपुर के बहगुल नदी पुल के निकट हुई। बकरियां चरा रहे दुब्लू नामक चरवाहे ने मिट्टी के एक टीले से एक कमजोर रोने की आवाज सुनी। आवाज सुनकर जब वह टीले के पास गया, तो उसकी आंखें आश्चर्य से फैल गईं।


उसने देखा कि मिट्टी से एक नन्हा हाथ बाहर निकला हुआ था, जो खून से सना था और उस पर चींटियां रेंग रही थीं। दुब्लू ने कहा, 'मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। मैंने तुरंत शोर मचाया और गांव के लोग वहां इकट्ठा हो गए। हमने तुरंत पुलिस को सूचित किया।'


पुलिस ने बच्ची को सुरक्षित निकाला

पुलिस ने बच्ची को मिट्टी से बाहर निकाला


पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर सावधानी से बच्ची को मिट्टी से बाहर निकाला। बच्ची का पूरा शरीर मिट्टी से सना हुआ था और उसकी स्थिति बेहद नाजुक थी। एक स्थानीय निवासी राकेश कुमार ने बताया, 'बच्ची को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसे आपातकालीन उपचार दिया गया। उसकी स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।'


अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती

गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती


सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेश कुमार ने कहा, 'यह बच्ची लगभग 10-15 दिन की लग रही है। जब उसे लाया गया, तो वह बहुत कमजोर थी और उसके हाथ में गंभीर चोटें थीं, जिन्हें चींटियों ने काट लिया था। हाथ से खून बह रहा था।' उन्होंने आगे बताया, 'बच्ची को फिलहाल नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में रखा गया है और उसकी स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।'


जांच में जुटी पुलिस

कौन है इस कृत्य का जिम्मेदार?


पुलिस के अनुसार, बच्ची को लगभग एक फुट की गहराई में दफनाया गया था, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि उसे सांस लेने के लिए जानबूझकर थोड़ी हवा की जगह छोड़ी गई थी। जांचकर्ताओं का मानना है कि बच्ची को जानबूझकर छोड़ा गया था। पुलिस अब बहगुल नदी सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर रही है ताकि इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाया जा सके। जैतीपुर थाने के एसएचओ गौरव त्यागी ने कहा, 'हम उस व्यक्ति की पहचान कर उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं जिसने इस मासूम को जिंदा दफनाने की कोशिश की।'