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नवरात्रि में स्वास्थ्यवर्धक आहार: 9 दिनों तक रखें ऊर्जा और ताजगी

नवरात्रि का पर्व साधकों के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसमें वे मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। इस दौरान सही आहार का सेवन करना आवश्यक है। मखाने, साबुदाना, बादाम और सिंघाड़े का आटा जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। जानें कैसे ये खाद्य पदार्थ आपकी सेहत को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
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नवरात्रि में स्वास्थ्यवर्धक आहार: 9 दिनों तक रखें ऊर्जा और ताजगी

नवरात्रि का पर्व और साधकों का व्रत

नवरात्रि का त्योहार शुरू हो चुका है, जिसमें भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नौ दिनों तक उपवास रखते हैं। इस दौरान देवी की पूजा और उपासना की जाती है, और भक्त अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मां से प्रार्थना करते हैं। नवरात्रि के दौरान साधक सात्विक और हल्का आहार लेते हैं। इस समय शरीर में ऊर्जा और पोषण बनाए रखना आवश्यक है। यदि आप अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करते हैं, तो आपके शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी नहीं होगी। पोषण की कमी से थकान, कमजोरी और इम्यूनिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, नवरात्रि में सही आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण है।


मखाने का सेवन

मखाने में उच्च मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसमें प्रोटीन, फाइबर और अन्य महत्वपूर्ण न्यूट्रिएंट्स होते हैं। व्रत के दौरान मखाने का सेवन करने से कमजोरी का अनुभव नहीं होता और शरीर स्वस्थ बना रहता है। मखाने का सेवन हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाता है, हड्डियों को मजबूत करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है।


साबुदाना: ऊर्जा का स्रोत

व्रत के दौरान साबुदाना खाना एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है। इसमें उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। साबूदाना कैल्शियम और आयरन से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और खून की कमी को रोकता है। नवरात्रि के व्रत में साबुदाना का सेवन अवश्य करें।


बादाम और किशमिश का महत्व

भीगे हुए बादाम और किशमिश में कई शक्तिशाली पोषक तत्व होते हैं। इनमें विटामिन्स और मिनरल्स की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में थकान और कमजोरी को दूर करते हैं। सुबह में भीगी हुई किशमिश और बादाम का सेवन करने से शरीर पूरे दिन ऊर्जा से भरा रहता है।


सिंघाड़े का आटा: पाचन के लिए लाभकारी

व्रत के दौरान सिंघाड़े का आटा खाने से पेट की समस्याएं नहीं होती हैं। इसमें फाइबर, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है। इसके सेवन से पाचन क्रिया बेहतर रहती है और कब्ज की समस्या नहीं होती। अक्सर व्रत के दिनों में हमें अपच या एसिडिटी का सामना करना पड़ता है, ऐसे में सिंघाड़े के आटे का सेवन पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।