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नींद की मात्रा और स्वास्थ्य: जानें कितनी नींद है सही

नींद का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह जानना जरूरी है कि कितनी नींद लेना सही है। कम नींद से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जबकि अधिक नींद भी खतरनाक साबित हो सकती है। इस लेख में हम नींद की सही मात्रा, इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव और बीमारियों के जोखिम के बारे में चर्चा करेंगे। जानें कैसे अच्छी नींद आपके जीवन को बेहतर बना सकती है।
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नींद की मात्रा और स्वास्थ्य: जानें कितनी नींद है सही

नींद का महत्व

आजकल, अधिकांश लोग सुबह से लेकर शाम तक काम में व्यस्त रहते हैं। जब वे घर लौटते हैं, तो इतनी थकान होती है कि व्यायाम या घूमने का समय नहीं मिलता। ऐसे में लोग खाना खाकर सोना पसंद करते हैं। अच्छी नींद लेना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि किसी भी चीज़ की अधिकता हानिकारक होती है। यह सिद्धांत नींद पर भी लागू होता है।


कम नींद का खतरा

यदि आप 7 घंटे से कम सोते हैं, तो सतर्क हो जाएं। यह आपके रक्तचाप, शुगर, थायराइड और कोलेस्ट्रॉल को असंतुलित कर सकता है। शोध के अनुसार, ऐसे व्यक्तियों में मृत्यु का जोखिम 14% बढ़ जाता है।


अधिक नींद का खतरा

वहीं, 9 घंटे से अधिक सोना और भी खतरनाक है। इस स्थिति में मृत्यु का खतरा 34% बढ़ जाता है। इसलिए, रात को समय पर सोने और सुबह समय पर उठने की आदत डालें।


स्वास्थ्य और नींद का संबंध

आपकी नींद का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। नींद की कमी या अधिकता, दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। 58% लोग रात 11 बजे के बाद सोते हैं, और 88% लोग रात में कई बार जागते हैं। देश में हर 4 में से 1 व्यक्ति अनिद्रा का शिकार है। केवल 35% लोग 8 घंटे की पूरी नींद ले पाते हैं।


नींद की कमी के प्रभाव

18 घंटे तक बिना नींद रहने से रक्तचाप बढ़ सकता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। 24 घंटे बिना नींद रहने वाले व्यक्तियों में चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। 36 घंटे तक बिना नींद रहने से निर्णय लेने में समस्या आ सकती है, और 48 घंटे तक बिना नींद रहने से मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है।


नींद की कमी से होने वाली बीमारियाँ

नींद की कमी से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जैसे कि डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, हार्मोनल परिवर्तन, DNA क्षति और कैंसर।


नींद और इम्यूनिटी

अच्छी नींद लेना आवश्यक है क्योंकि सोते समय शरीर की मरम्मत होती है। कम नींद से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। नींद की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


डायबिटीज का खतरा

कम नींद लेने से डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे व्यक्तियों में शुगर की बीमारी होने का जोखिम बढ़ जाता है, क्योंकि कम नींद से इंसुलिन प्रतिरोध, तनाव हार्मोन में असंतुलन और सूजन बढ़ती है।