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नींबू पानी और दांतों की सेहत: जानें क्या है खतरा

नींबू पानी का सेवन वजन घटाने में मददगार हो सकता है, लेकिन यह दांतों के लिए हानिकारक भी हो सकता है। ब्रिटिश डेंटल एसोसिएशन के वैज्ञानिकों के अनुसार, नींबू के एसिड से दांतों की इनेमल परत को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, ग्लूकोमा के नए उपचार में हाइपोडर्मिक सुई का उपयोग किया जा रहा है, जो आंखों में द्रव के दबाव को कम करने में मदद करती है। जानें इन दोनों विषयों के बारे में विस्तार से।
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नींबू पानी और दांतों की सेहत: जानें क्या है खतरा

नींबू पानी का सेवन और दांतों पर प्रभाव

स्वास्थ्य समाचार: वजन घटाने के लिए गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह दांतों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ब्रिटिश डेंटल एसोसिएशन के शोधकर्ताओं के अनुसार, नींबू में मौजूद एसिड दांतों की इनेमल परत को नुकसान पहुंचा सकता है।



विशेषज्ञों का कहना है कि गर्म नींबू पानी का सेवन दांतों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है। इससे बचने के लिए सलाह दी जाती है कि नींबू पानी को स्ट्रॉ से पिया जाए या एक बार में ही गटक लिया जाए, ताकि यह दांतों के संपर्क में कम समय तक रहे और नुकसान से बचा जा सके।


नींबू पानी और दांतों की सेहत: जानें क्या है खतरा


ग्लूकोमा का नया उपचार

ग्लूकोमा का इलाज:
ग्लूकोमा, जिसे कालापानी भी कहा जाता है, एक ऐसी आंखों की बीमारी है जो बिना किसी चेतावनी के दृष्टि को प्रभावित कर सकती है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने इस बीमारी के इलाज के लिए एक नई विधि विकसित की है।


इस विधि में हाइपोडर्मिक सुई का उपयोग किया जाता है, जिसके माध्यम से आंखों में एक लचीली निकास नली (जेन जेल स्टेंट) डाली जाती है। यह नली आंखों में बन रहे अतिरिक्त द्रव को बाहर निकालने में मदद करती है। आनुवंशिकता, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसे कारक ग्लूकोमा के जोखिम को बढ़ाते हैं।


जब आंखों में द्रव की अधिकता होती है, तो यह ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे मस्तिष्क तक चित्रों का संचार बाधित होता है।