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नीट-पीजी 2025: परीक्षा में 2,42,000 उम्मीदवारों ने लिया भाग

नीट-पीजी 2025 परीक्षा में 2,42,000 उम्मीदवारों ने भाग लिया, जो कि देशभर में 301 शहरों में आयोजित की गई। एनबीईएमएस ने परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कई सुरक्षा उपाय किए, जिसमें साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। जानें इस परीक्षा के महत्व और सुरक्षा उपायों के बारे में।
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नीट-पीजी 2025: परीक्षा में 2,42,000 उम्मीदवारों ने लिया भाग

नीट-पीजी 2025 परीक्षा का आयोजन

नीट-पीजी 2025: रविवार, 3 अगस्त को देशभर में 2,42,000 उम्मीदवारों ने नीट-पीजी 2025 परीक्षा में भाग लिया। यह परीक्षा राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) द्वारा पीजी चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की गई थी। परीक्षा का आयोजन 301 शहरों में 1,052 केंद्रों पर कंप्यूटर-आधारित प्रारूप में एक ही पाली में किया गया। इसे भारत की सबसे बड़ी एक-पाली में आयोजित होने वाली CBT परीक्षा माना जा रहा है, जिसमें लाखों मेडिकल उम्मीदवार शामिल हुए।


परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए एनबीईएमएस ने कई कड़े कदम उठाए। इसके तहत 2,200 से अधिक मेडिकल कॉलेजों और मान्यता प्राप्त अस्पतालों के फैकल्टी को नियुक्त किया गया। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ समन्वय स्थापित कर कानून-व्यवस्था, साइबर सुरक्षा और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई। स्थानीय जिला प्रशासन और पुलिस बलों ने भी सक्रिय सहयोग प्रदान किया।


साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान


साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए एनबीईएमएस ने गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के साथ मिलकर काम किया। संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर लगभग 300 साइबर कमांडो तैनात किए गए। इसके अलावा, एनबीईएमएस मुख्यालय में 200 से अधिक कर्मियों ने सभी केंद्रों से लाइव सीसीटीवी फुटेज की निगरानी की।


सभी केंद्रों पर सिग्नल जैमर का उपयोग


परीक्षा की निगरानी के लिए वरिष्ठ संकाय सदस्यों, मेडिकल कॉलेजों के डीन और एनबीईएमएस शासी निकाय के सदस्यों ने उड़न दस्तों के रूप में औचक निरीक्षण किए। सभी केंद्रों पर सिग्नल जैमर लगाकर मोबाइल सिग्नल को अवरुद्ध किया गया, ताकि संचार के अनुचित साधनों को रोका जा सके। नीट-पीजी परीक्षा एमडी, एमएस और पीजी डिप्लोमा जैसे स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश का द्वार है। यह परीक्षा मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में उम्मीदवारों के भविष्य को आकार देती है।