नीम: आयुर्वेद का अनमोल उपहार और स्वास्थ्य के लाभ
नीम के स्वास्थ्य लाभ
आयुर्वेद में नीम की पत्तियों, फूलों, टहनियों और फलों को अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। यह न केवल लिवर को डिटॉक्स करता है, बल्कि मुहांसों और दाग-धब्बों से भी राहत दिलाता है।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय नीम को प्रकृति का अनमोल उपहार मानता है। इसकी कड़वाहट शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होती है और सदियों से आयुर्वेद में इसका उपयोग किया जा रहा है। नीम की पत्तियां लिवर को साफ करने में अत्यधिक प्रभावी होती हैं। रोजाना 5-7 नीम की पत्तियां चबाने या उनका रस पीने से लिवर में जमा विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं, जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर में ऊर्जा आती है। नीम लिवर के कार्य को सुचारु बनाता है, जिससे थकान और सुस्ती दूर होती है।
खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी नीम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण धमनियों में जमा गंदगी को साफ करते हैं, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है और रक्त संचार बेहतर रहता है।
चेहरे की सुंदरता के लिए भी नीम एक रामबाण उपाय है। मुहांसों, दाग-धब्बों और कील की समस्या से परेशान लोगों के लिए आयुर्वेदाचार्य नीम की पत्तियों का पेस्ट लगाने या रस पीने की सलाह देते हैं। नीम में मौजूद एजाडिरेक्टिन तत्व बैक्टीरिया को मारता है और त्वचा को साफ-सुथरा रखता है।
नीम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना फायदेमंद है। यह एक सस्ता, सुरक्षित और प्राकृतिक उपचार है। रोजाना नीम के पानी से चेहरा धोने से त्वचा में निखार आता है और मुहांसे दूर होते हैं। सर्दी, गर्मी और बरसात के मौसम में भी नीम का सेवन लाभकारी होता है। नीम की पत्तियों को उबालकर बनाया गया काढ़ा भी पीया जा सकता है। गर्मियों में इसके फूल से बने शर्बत का सेवन करना भी कई लाभ देता है। इसे सुबह खाली पेट लेने से पूरे शरीर का डिटॉक्स होता है। हालांकि, सेवन से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है।
