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नोएडा में आम्रपाली प्रोजेक्ट पर प्रदूषण मानकों का उल्लंघन, ठेकेदार पर भारी जुर्माना

नोएडा के आम्रपाली सिलिकॉन सिटी फेज-4 के अधूरे प्रोजेक्ट पर एनबीसीसी को यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 2.87 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। निर्माण कार्य में प्रदूषण नियंत्रण के दिशा-निर्देशों का पालन न करने के कारण यह कार्रवाई की गई है। ठेकेदार को चेतावनी दी गई है कि यदि लापरवाही जारी रही, तो और भी कठोर कदम उठाए जाएंगे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और एनबीसीसी की कार्यप्रणाली पर उठते सवाल।
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नोएडा में आम्रपाली प्रोजेक्ट पर प्रदूषण मानकों का उल्लंघन, ठेकेदार पर भारी जुर्माना

नोएडा में निर्माण कार्य पर कार्रवाई

नोएडा समाचार: नोएडा के सेक्टर 76 में आम्रपाली सिलिकॉन सिटी फेज-4 के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगी एनबीसीसी को अब प्रदूषण मानकों की अनदेखी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ठेकेदार पर 2.87 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और साथ ही एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। निर्माण कार्य शुरू होने की तारीख से प्रतिदिन 60,000 रुपये के अतिरिक्त जुर्माने की चेतावनी दी गई है।


अनुमति के बिना निर्माण कार्य
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने निर्माण स्थल का निरीक्षण किया, जिसमें कई लापरवाहियों का पता चला। राज्य बोर्ड से अनुमति लिए बिना ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था। प्रोजेक्ट को डस्ट कंट्रोल ऐप पर पंजीकृत नहीं किया गया था। बालू, मोरंग और अन्य सामग्री खुले में पड़ी थी, जिससे धूल उड़ रही थी। मौके पर स्प्रिंकलर सिस्टम नहीं थे, और एंटी स्मॉग गन निरीक्षण के समय बंद पाई गई। निर्माण स्थल पर कोई पीटीजेड कैमरा भी नहीं मिला।


मुख्य सड़क पर मिट्टी का जमाव
निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि सेल्फ ऑडिट पोर्टल पर पंजीकरण और अपडेट नहीं किया गया था। मुख्य सड़क पर मिट्टी जमी हुई थी और भारी वाहन बिना ढके सामग्री लेकर आते-जाते मिले। कई खामियों के चलते ठेकेदार पर यह भारी जुर्माना लगाया गया है।


एनबीसीसी के प्रोजेक्ट पर उठते सवाल
आम्रपाली ग्रुप के दिवालिया होने के बाद अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का कार्य सरकारी कंपनी एनबीसीसी को सौंपा गया था। हालांकि, काम की गति और पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों के पालन को लेकर एनबीसीसी की कार्यप्रणाली पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं।


प्रदूषण विभाग की चेतावनी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण, जल छिड़काव, वाहनों की ढकाई और तकनीकी निगरानी अनिवार्य है। लापरवाही बरतने पर आगे और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।