नोएडा में मुफ्त आईसीएल सर्जरी से कमजोर दृष्टि वाले मरीजों को मिलेगी राहत

डिजिटल युग में आंखों की समस्याएं
नोएडा समाचार: आजकल डिजिटल उपकरणों के बढ़ते उपयोग के कारण हर उम्र के लोगों में आंखों से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। विशेष रूप से बच्चों और युवाओं में निकट दृष्टिदोष, जिसे मायोपिया कहा जाता है, आम होता जा रहा है। ऑनलाइन शिक्षा और मोबाइल या कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने के कारण कम उम्र में ही चश्मा लगाना पड़ रहा है। जब दृष्टिदोष बढ़ जाता है, तो मोटे लेंस का चश्मा पहनना आवश्यक हो जाता है। ऐसे मरीजों के लिए राहत की खबर है कि जिला अस्पताल सेक्टर-39 में आईसीएल (इम्प्लांटेबल कोलामर लेंस) सर्जरी की सुविधा शुरू की जा रही है।
सर्जरी की मुफ्त सुविधा
फ्री होगा सर्जरी
यह सर्जरी उन मरीजों के लिए एक वरदान साबित होगी जो गंभीर दृष्टि समस्याओं से ग्रसित हैं और जिनकी आंखों की संरचना लेसिक सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं है। जिला अस्पताल में आईसीएल सर्जरी पूरी तरह से मुफ्त होगी, जबकि निजी अस्पतालों में इसके लिए 1 से 2 लाख रुपये तक खर्च करना पड़ता है।
आईसीएल तकनीक की जानकारी
क्या है आईसीएल
आईसीएल एक आधुनिक तकनीक है, जिसमें आंख के अंदर एक जैव-संगत कृत्रिम लेंस प्रत्यारोपित किया जाता है। यह लेंस आंख के प्राकृतिक लेंस के ऊपर लगाया जाता है, जिससे दृष्टि में सुधार होता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से रिवर्सिबल है, यानी जरूरत पड़ने पर लेंस को हटाया भी जा सकता है।
सर्जरी की प्रक्रिया
क्या है प्रक्रिया
इस सर्जरी से पहले मरीज को कुछ आवश्यक जांचें करानी होती हैं, जैसे कॉर्निया की मोटाई, आंख की लंबाई, और इन्ट्राऑक्युलर प्रेशर। हालांकि, ये जांचें फिलहाल जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए मरीजों को यह जांचें निजी लैब में करानी होंगी, जिनका खर्च लगभग तीन हजार रुपये आएगा।
लेंस डोनेशन का लाभ
लेंस डोनेशन से होगा लाभ
जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज त्रिपाठी ने बताया कि कई संस्थानों से लेंस डोनेशन की व्यवस्था की जा रही है, जिससे अधिक से अधिक जरूरतमंदों को यह सुविधा मिल सके। जैसे ही कोई मरीज सर्जरी के लिए आता है, उसके अनुसार लेंस का ऑर्डर दिया जाएगा और तय समय पर सर्जरी की जाएगी।