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पंचकूला में स्वदेशी सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत अभियान की 75 से अधिक बैठकें

पंचकूला में स्वदेशी सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत अभियान ने 75 से अधिक बैठकें आयोजित की हैं, जिसका उद्देश्य भारत को आर्थिक और सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। इस अभियान के तहत युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है। अभियान के प्रमुख सदस्यों ने मीडिया को इसके उद्देश्यों और विस्तार के बारे में जानकारी दी, जिसमें स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार की आवश्यकता पर बल दिया गया।
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पंचकूला में स्वदेशी सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत अभियान की 75 से अधिक बैठकें

स्वदेशी सुरक्षा अभियान का उदय


पंचकूला: पंचकूला जिले में स्वदेशी सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत अभियान एक महत्वपूर्ण जनआंदोलन के रूप में उभर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को आर्थिक, सामाजिक और मानसिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि देश विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम कर सके और अपनी सांस्कृतिक, औद्योगिक और आर्थिक धरोहर को आगे बढ़ा सके।
इस संदर्भ में, सेक्टर-16 के अग्रवाल भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें अभियान से जुड़े प्रमुख सदस्यों ने मीडिया को इसके उद्देश्यों और विस्तार के बारे में जानकारी दी। जिला संरक्षक बी.बी. सिंघल ने बताया कि इस अभियान की पहली बैठक 23 जून 2025 को पंचकूला में हुई थी, जिसके बाद से अब तक 75 से अधिक बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए 10 प्रमुख पहलुओं को निर्धारित किया गया है, जिनके माध्यम से स्वदेशी उत्पादों का प्रचार, युवाओं में जागरूकता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तर भारत समन्वयक डॉ. राजेश गोयल ने बताया कि यह अभियान केवल विचारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करना भी है।
डॉ. गोयल ने ऐतिहासिक संदर्भ में बताया कि पहला संगठित स्वदेशी आंदोलन 1911 में हुआ था, और 7 अगस्त 1942 को कोलकाता के टाउन हॉल में रविंद्रनाथ टैगोर के नेतृत्व में एक बड़ा स्वदेशी आंदोलन शुरू हुआ था। वर्तमान में इस भावना को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में 12 जून को दिल्ली में एक राष्ट्रीय स्तर की बैठक आयोजित की गई, जिसमें 60 से अधिक शैक्षणिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि भारत को वास्तव में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करना होगा और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना होगा।
व्यापारी नेता रजनीश गर्ग ने कहा कि जब तक आम लोग चीनी वस्तुओं का उपयोग करते रहेंगे, तब तक देश आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की, यह केवल एक आर्थिक विकल्प नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम की अभिव्यक्ति है।
इस अवसर पर महिला कल्याण संरक्षण प्रमुख बेणु राव, जिला समन्वयक सुनील गोयल, सह-समन्वयक अरुण और कई अभियान कार्यकर्ता तथा स्थानीय नागरिक उपस्थित थे। सभी ने इस अभियान को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का संकल्प लिया।