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पंजाब में उद्योगों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का लाभ

पंजाब सरकार ने उद्योगपतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया है, जिससे औद्योगिक मंजूरियों की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इस प्रणाली के तहत, आवेदन के 45 दिनों के भीतर सभी मंजूरियाँ मिल जाएँगी, अन्यथा 46वें दिन स्वीकृति अपने आप हो जाएगी। मंत्री हरपाल चीमा ने इस पहल की सराहना की है और कहा है कि इससे पंजाब में औद्योगिक क्रांति आएगी। जानें इस प्रणाली के अन्य लाभ और प्रक्रिया के बारे में।
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पंजाब में उद्योगों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का लाभ

उद्योगपतियों की समस्याओं का त्वरित समाधान


आवेदन के 45 दिनों में मिलेगी सभी मंजूरी, नहीं मिली तो 46वें दिन आटोमेटिक हो जाएगा अप्रूव


लुधियाना। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब सरकार द्वारा उद्योगों की मंजूरी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पहल पंजाब में औद्योगिक विकास को गति देगी।


हरपाल चीमा ने आप पंजाब के ट्रेड विंग के अध्यक्ष नील गर्ग और पंजाब ट्रेड कमीशन के चेयरमैन अनिल ठाकुर के साथ मिलकर इस योजना के सभी 12 पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद किया। उनका कहना है कि यह सरकार पंजाब को उद्योग का केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।


सिंगल विंडो सिस्टम की विशेषताएँ


उन्होंने बताया कि सिंगल विंडो सिस्टम के तहत यदि कोई व्यक्ति पंजाब में कोई प्लांट स्थापित करना चाहता है, तो उसे 45 दिनों के भीतर सभी आवश्यक मंजूरियाँ मिल जाएँगी। यदि मंजूरी नहीं मिली, तो 46वें दिन आवेदन अपने आप स्वीकृत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कई उद्योगपति पंजाब में आना चाहते थे, लेकिन कागजी कार्यवाही में समस्याओं के कारण नहीं आ पा रहे थे।


उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उनकी कई मांगें पूरी की गई हैं, लेकिन अब सिंगल विंडो सिस्टम लागू होने से सभी समस्याएँ एक बार में हल हो जाएँगी।


जल्द कार्रवाई की प्रक्रिया


यदि आवेदन के बाद कोई आपत्ति आती है, तो संबंधित विभाग 7 दिनों के भीतर व्यक्ति को सूचित करेगा। व्यक्ति द्वारा आवश्यक दस्तावेज जमा करने के 45 दिनों के भीतर विभाग उसे सही करेगा। यदि विभाग ऐसा नहीं कर पाता, तो विभाग का प्रमुख उसे मंजूरी देगा।


उन्होंने कहा कि 125 करोड़ तक के प्रोजेक्ट के लिए केवल तीन दिनों में मंजूरी मिलेगी। यह राइट टू बिजनेस एक्ट के तहत है, इसलिए आगामी विधानसभा सत्र में इस एक्ट में संशोधन किया जाएगा।