पंजाब में बाढ़: सरकार ने राहत कार्यों के लिए मंत्रियों को तैनात किया

पंजाब में बाढ़ की स्थिति
पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और नदियों के उफान ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। इस बाढ़ के संकट को देखते हुए, पंजाब सरकार ने प्रशासन को पूरी तरह से सतर्क कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अपने कैबिनेट मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रभावित जिलों में बने रहें और राहत कार्यों की निगरानी करें जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते।
मंत्रियों की सक्रियता
सरकार ने राहत कार्यों की जिम्मेदारी केवल प्रशासन तक सीमित नहीं रखी है, बल्कि मंत्रियों को भी सक्रिय रूप से मैदान में उतारा है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने संगरूर और मानसा जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के साथ एक कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर व्यक्ति की सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा करना है। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रभावित परिवारों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े और सभी शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाए।
राहत कार्यों की देखरेख
मंत्रियों की तैनाती और जिम्मेदारी
कैबिनेट मंत्रियों को विभिन्न जिलों में राहत कार्यों की देखरेख का कार्य सौंपा गया है। हरभजन सिंह ई.टी.ओ. रामदास, तरन तारन और अजनाला में सक्रिय हैं, जबकि बरिंदर कुमार गोयल भी इन जिलों में राहत शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं। गुरमीत सिंह खुड्डियां कपूरथला जिले के गांवों में स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। लाल चंद कटारूचक्क पठानकोट के प्रभावित गांवों में मौजूद हैं, जबकि लालजीत सिंह भुल्लर और हरदीप सिंह मुंडियां तरन तारन और सुल्तानपुर लोधी के गांवों में राहत कार्यों का संचालन कर रहे हैं।
प्रभावित परिवारों के लिए राहत
प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर प्रभावित परिवार को दवा, भोजन और सुरक्षित आश्रय उपलब्ध कराया जाए। प्रशासन लगातार राहत सामग्री का वितरण कर रहा है। चिकित्सा टीमों को प्रभावित गांवों में भेजा गया है ताकि बीमार और घायल लोगों को त्वरित उपचार मिल सके। विशेष ध्यान बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर दिया जा रहा है।
केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग
केंद्रीय एजेंसियों से तालमेल
बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों से सहयोग प्राप्त किया है। बचाव नौकाओं, राहत शिविरों और चिकित्सा कैंपों की संख्या बढ़ाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस संकट के समय में कोई भी परिवार अकेला महसूस न करे और सरकार हर कदम पर जनता के साथ खड़ी है।