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पंजाब में बाढ़ से 3 लाख लोग प्रभावित, राहत कार्य जारी

पंजाब में हालिया बाढ़ ने 12 जिलों के 1050 से अधिक गांवों को प्रभावित किया है, जिससे 3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें और सेना के हेलीकॉप्टर सक्रिय हैं। बाढ़ के कारण 29 लोगों की जान चली गई है और कई लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। सरकार ने स्कूलों को 3 सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया है। जानें इस संकट की पूरी जानकारी और राहत प्रयासों के बारे में।
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पंजाब में बाढ़ से 3 लाख लोग प्रभावित, राहत कार्य जारी

पंजाब में बाढ़ का कहर

चंडीगढ़ समाचार: पंजाब में लगातार हो रही बारिश और बाढ़ ने 12 से अधिक जिलों के 1050 से ज्यादा गांवों को प्रभावित किया है। इस आपदा के कारण अब तक 29 लोगों की जान जा चुकी है, और कई लोगों को अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। इस संकट से 3 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। सरकार बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए, राज्य सरकार ने 3 सितंबर तक सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।


बचाव कार्य में जुटी टीमें

35 हेलीकॉप्टर से चल रहा बचाव कार्य


राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की 20 टीमें पंजाब में तैनात की गई हैं। इनमें पठानकोट में 1, गुरदासपुर में 6, अमृतसर में 6, फिरोजपुर में 3, फाजिल्का में 3 और बठिंडा में 1 टीम शामिल है। इसके अलावा, वायुसेना, नौसेना और सेना की 10 टुकड़ियां भी राहत कार्य में जुटी हुई हैं। भारतीय वायुसेना और सेना के लगभग 35 हेलीकॉप्टर भी बचाव कार्यों के लिए सक्रिय हैं।


बाढ़ से प्रभावित जनसंख्या

3 लाख लोग प्रभावित


पंजाब में पिछले एक सप्ताह से 12 से अधिक जिलों के 1,050 गांवों में लगभग 3 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। अमृतसर के 88 गांव, बरनाला के 24, फाजिल्का के 72, फिरोजपुर के 76, गुरदासपुर के 321, होशियारपुर के 94, जालंधर के 55, कपूरथला के 115, मानसा के 77, मोगा के 39, पठानकोट के 82 गांव और एसएएस नगर का 1 गांव बाढ़ से प्रभावित हुआ है। सबसे अधिक प्रभावित गुरदासपुर जिले में 1,45,000 लोग हैं।


कृषि क्षेत्र पर बाढ़ का प्रभाव

94,061 हेक्टेयर फसली क्षेत्र प्रभावित


बाढ़ ने पंजाब की कृषि भूमि को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया है। कुल 94,061 हेक्टेयर फसली क्षेत्र प्रभावित हुआ है। अमृतसर में 23,000 हेक्टेयर, मानसा में 17,005 हेक्टेयर, कपूरथला में 14,934 हेक्टेयर, तरन तारन में 11,883 हेक्टेयर, फिरोजपुर में 11,232 हेक्टेयर, होशियारपुर में 5,971 हेक्टेयर, जालंधर में 2,800 हेक्टेयर, पठानकोट में 2,442 हेक्टेयर, एसएएस नगर में 2,000 हेक्टेयर, पटियाला में 1,450 हेक्टेयर, मोगा में 949 हेक्टेयर, लुधियाना में 108 हेक्टेयर, बठिंडा में 97 हेक्टेयर और श्री मुक्तसर साहिब में 84 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है।