पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम

चंडीगढ़ में आत्मरक्षा प्रशिक्षण की शुरुआत
PU आत्मरक्षा प्रशिक्षण, चंडीगढ़: पंजाब विश्वविद्यालय की छात्राओं को अब मनचलों से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चंडीगढ़ पुलिस ने इस उद्देश्य के लिए कैंपस में एक सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन चंडीगढ़ के आईजीपी पुष्पेंद्र सिंह और एसएसपी कंवरदीप कौर ने किया, जिन्होंने छात्राओं को आत्मरक्षा के महत्वपूर्ण कौशल सिखाए। यह पहल न केवल छात्राओं को सुरक्षित रखने में मदद करेगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगी।
इस ट्रेनिंग की आवश्यकता क्यों है?
एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि चंडीगढ़ पुलिस हमेशा नागरिकों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहती है, लेकिन कई बार घटनास्थल पर पुलिस तुरंत नहीं पहुंच पाती। ऐसे में लड़कियों को अपनी रक्षा करने की क्षमता प्रदान करना आवश्यक है। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य यह है कि छात्राएं कठिन परिस्थितियों में कुछ समय तक शरारती तत्वों का सामना कर सकें और पुलिस को सूचित करने के साथ-साथ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। एसएसपी ने छात्राओं से बातचीत कर उन्हें आत्मरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया।
छात्राओं ने सुरक्षा का मुद्दा उठाया
हाल ही में हुए छात्रसंघ चुनावों में छात्राओं ने कैंपस में सुरक्षा को लेकर अपनी आवाज उठाई थी। निर्वाचित अध्यक्ष गौरव वीर सोहन ने सुझाव दिया कि कैंपस में कुछ स्थानों पर दूरी-आधारित अलार्म सिस्टम स्थापित किए जाएं। इससे यदि कोई छात्रा छेड़छाड़ या खतरे का सामना करती है, तो नजदीकी अलार्म के माध्यम से तुरंत मदद प्राप्त की जा सकेगी, चाहे वह विश्वविद्यालय का कोई छात्र हो या पुलिस। इस मांग के बाद शुरू हुई सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग को छात्राओं ने बहुत सराहा है।
प्रशिक्षण में क्या सिखाया जा रहा है?
इस कार्यक्रम में छात्राओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें यह सिखाया जा रहा है कि अकेलेपन या खतरे की स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया करनी है। विशेष रूप से, जब आसपास कोई मदद के लिए न हो, तो किस तरह मुक्का मारना है, किस अंग पर लात चलानी है, और अन्य बचाव के तरीके क्या हैं। यह प्रशिक्षण छात्राओं को न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनाएगा, बल्कि मानसिक रूप से भी तैयार करेगा।