पंजाब सरकार के नए फैसले: दलित परिवारों के कर्ज माफ और छोटे दुकानदारों को राहत
मुख्यमंत्री भगवंत मान की मंत्रिमंडल बैठक के महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अनुसूचित जातियों के कर्ज माफी और पंजाब के छोटे दुकानदारों को इंस्पेक्टर राज से राहत देने के फैसले लिए गए।
बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार उन कर्जों को माफ करेगी, जो दलित परिवारों ने विभिन्न उद्देश्यों के लिए निगम से लिए थे, जैसे कि दुकानें खोलना और डेयरी पालन। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस साल मार्च में बजट भाषण में कर्ज माफी का आश्वासन दिया था।
अब कैबिनेट की मंजूरी के साथ यह वादा पूरा हो गया है। मान ने कहा कि यह उन हजारों परिवारों के लिए राहत और सम्मान की शुरुआत है, जो लंबे समय से कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे। इस योजना से कुल 4,727 परिवार लाभान्वित होंगे, जिन्होंने डेयरी फार्मिंग, किराना दुकान, टेलरिंग, बुटीक, लकड़ी के फर्नीचर का काम, निर्माण सामग्री या हार्डवेयर की दुकान, चमड़े के सामान का निर्माण, शिक्षा कर्ज या रेस्तरां जैसे छोटे व्यवसायों के लिए कर्ज लिया था।
इन परिवारों ने मुख्य कमाने वाले सदस्य के निधन, लंबी बीमारी या आय के अन्य स्रोत न होने के कारण अपने कर्ज नहीं चुका सके। ऐसे लोगों से कर्ज वसूलना अन्यायपूर्ण था, इसलिए राज्य सरकार ने उन्हें माफ करने का निर्णय लिया।
छोटे दुकानदारों के लिए इंस्पेक्टर राज से राहत
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, मान सरकार ने पंजाब दुकान एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान अधिनियम 1958 में संशोधन को मंजूरी दी। इस संशोधन के तहत छोटे दुकानदारों को इंस्पेक्टर राज से छुटकारा मिलेगा।
सीएम भगवंत मान के अनुसार, जिन दुकानों, गोदामों या अन्य कारोबारी प्रतिष्ठानों में केवल 20 कर्मचारी काम करते हैं, उन्हें पंजीकरण, इंस्पेक्टर से निरीक्षण या एनओसी की आवश्यकता नहीं होगी। वे केवल हर छह महीने में श्रम विभाग को अपने कर्मचारियों की जानकारी देंगे।
हालांकि, जिन दुकानों या प्रतिष्ठानों में 20 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें पंजीकरण और एनओसी लेना अनिवार्य होगा, लेकिन इंस्पेक्टर केवल तीन महीने में एक बार निरीक्षण करेंगे। नए नियमों के अनुसार, कर्मचारी अपनी स्वेच्छा से 12 घंटे तक ओवरटाइम कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। अब 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों को आवेदन जमा करने के 24 घंटे के भीतर पंजीकरण की स्वीकृति स्वतः मानी जाएगी।
सरकार के निर्णयों का प्रभाव
पंजाब सरकार के इन निर्णयों से दलित और पिछड़े परिवारों को राहत मिलेगी, वहीं 95 प्रतिशत छोटे दुकानदारों को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिलेगी। ये फैसले व्यवहारिक और समयानुकूल हैं, इसलिए इन्हें सराहा जा रहा है।
मुख्य संपादक का संदेश
-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक