पटियाला पैग: एक महाराजा की दिलचस्प कहानी
पटियाला पैग का अनोखा इतिहास
क्या आप जानते हैं कि “पटियाला पैग” की उत्पत्ति कैसे हुई? यह नाम आपने शायद दोस्तों के साथ पार्टी करते समय सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस बड़े पैग के पीछे की कहानी क्या है? आज हम आपको उस व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिसने इस पैग की शुरुआत की और जिसके जीवन में शराब ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।पटियाला पैग, जिसे 30, 60 या 90 एमएल से अधिक के भारी ड्रिंक के लिए जाना जाता है, की शुरुआत एक महाराजा और क्रिकेटर ने की थी। महाराजा भूपिंदर सिंह, जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दादा थे, इस पैग के जनक माने जाते हैं। एक बार भारत और इंग्लैंड के बीच फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच होने वाला था। महाराजा ने समझा कि अंग्रेज़ टीम को हराना आसान नहीं होगा, इसलिए उन्होंने मैच से पहले अंग्रेज़ खिलाड़ियों को पार्टी पर बुलाया। जबकि अंग्रेज़ खिलाड़ी 30 एमएल पैग पीने के आदी थे, महाराजा ने उन्हें 120 एमएल का विशाल पैग परोसा, जिसे उन्होंने “पटियाला पैग” नाम दिया। इस भारी पैग के कारण अंग्रेज़ खिलाड़ी अगले दिन नशे में थे, जिससे भारत को मैच जीतने में मदद मिली।
महाराजा भूपिंदर सिंह का जन्म 1891 में हुआ था। उन्होंने 9 साल की उम्र में अपने पिता के निधन के बाद पंजाब की राजगद्दी संभाली। 1900 से 1938 तक उन्होंने पटियाला की सेवा की। क्रिकेट में भी उनका नाम था, जहां उन्होंने 27 फर्स्ट क्लास मैच खेले और 643 रन बनाए। लेकिन शराब ने उनके जीवन पर गहरा असर डाला। लंबे समय तक शराब पीने के कारण उनका लिवर खराब हो गया और 52 वर्ष की उम्र में 1938 में उनका निधन हो गया।
महाराजा का निजी जीवन भी काफी रोचक था। उन्होंने कुल 10 बार शादी की और उनके 88 बच्चे हुए। इसके अलावा, उनके कई अन्य संबंध भी थे, और कहा जाता है कि उनके लगभग 350 रखैलें थीं। यह उनकी शाही जीवनशैली और उस समय के समाज की झलक देता है।
इस प्रकार, पटियाला पैग केवल एक ड्रिंक का नाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक ऐतिहासिक और दिलचस्प कहानी है, जो हमें महाराजा भूपिंदर सिंह के जीवन से जोड़ती है। अगली बार जब आप अपने दोस्तों के साथ इस पैग का आनंद लें, तो याद रखें कि इसके पीछे एक क्रिकेटर और शाही महाराजा की कहानी छिपी है।