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पतंजलि का दिव्य बाम: सर्दी और सिरदर्द के लिए आयुर्वेदिक उपाय

पतंजलि का दिव्य बाम मानसून में सर्दी, जुकाम और सिरदर्द से राहत पाने का एक प्राकृतिक उपाय है। यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार किया गया है, जो शरीर के तापमान को संतुलित रखने और दर्द में राहत देने में मदद करता है। जानें इसके लाभ और कैसे इसका उपयोग किया जा सकता है।
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पतंजलि का दिव्य बाम: सर्दी और सिरदर्द के लिए आयुर्वेदिक उपाय

पतंजलि का दिव्य बाम

Patanjali News: मानसून के दौरान सर्दी, जुकाम, सिरदर्द और वायरल संक्रमण आम हो जाते हैं। ऐसे समय में दवाओं और मलहमों की आवश्यकता होती है, लेकिन कई बार दवाओं के साइड इफेक्ट्स से भविष्य में समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपायों का सहारा लेना बेहतर होता है। पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित दिव्य बाम एक ऐसा विकल्प है, जो आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार किया गया है और सर्दी, सिरदर्द, और शरीर में दर्द को कम करने में मदद करता है।


पतंजलि रिसर्च सेंटर में निर्माण

यह आयुर्वेदिक बाम हरिद्वार के पतंजलि साइंस सेंटर में बनाया गया है। इसमें कपूर, नीलगिरी तेल, पुदीना सत, अजवाइन तेल और लौंग का तेल जैसी जड़ी-बूटियों का उपयोग किया गया है। इन जड़ी-बूटियों का वैज्ञानिक परीक्षण भी किया गया है।


बाम के लाभ

पतंजलि का दिव्य बाम शरीर के तापमान को संतुलित रखने में मदद करता है। यह नसों के दर्द को कम करता है और सूजन में राहत प्रदान करता है। गले में दर्द या नाक में खुजली होने पर, इसे पानी में मिलाकर भाप लेना फायदेमंद होता है। माथे पर लगाने से सिरदर्द में आराम मिलता है और छाती या नाक के पास लगाने से बंद नाक खुल जाती है।


दिव्य बाम का कार्यप्रणाली

  • दिव्य बाम में नीलगिरी और कपूर नोज को खोलने में मदद करते हैं।
  • पुदीना और कपूर की ठंडी तासीर सिरदर्द में तात्कालिक राहत देती है।
  • मौसम बदलने पर वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ता है, और इसका उपयोग बदन दर्द, छींक और गले की खराश को कम करता है।
  • लौंग और अजवाइन के तेल की गर्माहट मांसपेशियों के दर्द और अकड़न को दूर करती है।


पतंजलि आयुर्वेद का योगदान

पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की थी। इनका उद्देश्य आयुर्वेद को हर घर तक पहुंचाना और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना है। पतंजलि के उत्पाद वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ उपलब्ध हैं। आचार्य बालकृष्ण की देखरेख में पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट में जड़ी-बूटियों पर निरंतर शोध किया जाता है। दिव्य बाम भी लंबे शोध और परीक्षण के बाद तैयार किया गया है।