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पश्चिम बंगाल में 'मेरा पड़ोस, मेरा समाधान' प्रोजेक्ट की सफलता की जानकारी साझा की ममता बनर्जी ने

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'मेरा पड़ोस, मेरा समाधान' प्रोजेक्ट की प्रगति की जानकारी साझा की है। इस प्रोजेक्ट को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है, जिसमें लाखों लोग भाग ले चुके हैं। अब तक 14,265 बूथ कवर किए जा चुके हैं और लगभग 30 लाख लोग कैंपों में शामिल हो चुके हैं। जानें इस प्रोजेक्ट के उद्देश्यों और सफलता के बारे में और अधिक जानकारी।
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पश्चिम बंगाल में 'मेरा पड़ोस, मेरा समाधान' प्रोजेक्ट की सफलता की जानकारी साझा की ममता बनर्जी ने

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का प्रोजेक्ट अपडेट

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में चल रहे 'मेरा पड़ोस, मेरा समाधान' प्रोजेक्ट की प्रगति के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है और लाखों लोग इसमें भाग ले चुके हैं।


ममता बनर्जी के अनुसार, मंगलवार शाम 4 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के तहत 14,265 बूथ कवर किए जा चुके हैं, जबकि कुल 80,681 बूथ कवर किए जाने हैं। इसके अंतर्गत 28,753 कैंप आयोजित किए जाने हैं, जिनमें से 5,428 कैंप पहले ही आयोजित हो चुके हैं।


अब तक कैंप में भाग लेने वाले लोगों की कुल संख्या 29,51,164 है, जिसमें प्रति कैंप औसतन 544 प्रतिभागी शामिल हैं। प्राथमिकता के आधार पर चुने गए प्रोजेक्ट की संख्या 1,36,415 है।


ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि लगभग 30 लाख लोग इन कैंपों में शामिल हो चुके हैं, जो इस योजना की सफलता का एक बड़ा प्रमाण है।


उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि बंगाल के लोगों ने इस प्रोजेक्ट को दिल से अपनाया है। यह हमारी सरकार की जनसेवा और लोगों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में जुटे सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की मेहनत की सराहना की।


सीएम ममता ने कहा, “मैं उन सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई देती हूं, जो दिन-रात मेहनत कर इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में लगे हैं।”


'मेरा पड़ोस, मेरा समाधान' प्रोजेक्ट का उद्देश्य स्थानीय समस्याओं का समाधान करना और प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक प्रोजेक्ट शुरू करना है। इसके तहत राज्यभर में कैंप लगाकर लोगों से उनकी समस्याएं और सुझाव लिए जा रहे हैं, ताकि सरकार सीधे जनता की जरूरतों के अनुसार कार्य कर सके।