पानी पीने के सही तरीके: खड़े होकर पानी पीने के नुकसान
पानी पीने के नियम और स्वास्थ्य पर प्रभाव
स्वास्थ्य समाचार: हम अक्सर दिनभर में कई ऐसे कार्य कर लेते हैं जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनमें से एक है पानी पीने का तरीका। प्यास लगने पर पानी पीना आवश्यक है, लेकिन अगर आयुर्वेद के कुछ नियमों का पालन किया जाए, तो इससे स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, खड़े होकर पानी पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। आइए जानते हैं इसके कारण।
1. आयुर्वेद के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से यह सीधे आहार नलिका में जाता है, जिससे पेट की आंतरिक सतह पर दबाव पड़ता है। इससे पेट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है और पाचन तंत्र में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
2. खड़े होकर पानी पीने से अर्थराइटिस का खतरा बढ़ता है, क्योंकि इससे शरीर के जोड़ों में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है। जोड़ों में यह तरल पदार्थ उनकी सही कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक है, अन्यथा दर्द और गठिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. जब खड़े होकर पानी पीते हैं, तो यह तेज गति से आहार नाल में प्रवाहित होता है, जिससे भोजन के अवशेष पूरी तरह साफ नहीं हो पाते। इससे सीने में जलन, मुंह में छाले, सांसों की दुर्गंध और खट्टी डकारें उत्पन्न हो सकती हैं।
4. खड़े होकर पानी पीने से आंतों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
5. यह प्रक्रिया नसों में तनाव उत्पन्न करती है, जिससे पेट का अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है और पाचन तंत्र बिगड़ सकता है।
6. खड़े होकर पानी पीने से शरीर में एसिड का स्तर नियंत्रित नहीं रहता, जिससे एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
7. इस स्थिति में पेट की आंतरिक सतह पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे पेट फूलने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
