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पानीपत के टेक्सटाइल निर्यातकों ने सिंगापुर का सहारा लिया

पानीपत के टेक्सटाइल निर्यातकों ने अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए सिंगापुर में शाखा कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस नई रणनीति के तहत, निर्यातक सिंगापुर के माध्यम से अपने उत्पादों को अमेरिका में भेजने की योजना बना रहे हैं, जिससे उन्हें 50 प्रतिशत के टैरिफ से बचने में मदद मिलेगी। जानें इस प्रक्रिया के पीछे की रणनीतियों और पानीपत के टेक्सटाइल उद्योग की स्थिति के बारे में।
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पानीपत के टेक्सटाइल निर्यातकों ने सिंगापुर का सहारा लिया

पानीपत टेक्सटाइल निर्यात का नया रास्ता

पानीपत टेक्सटाइल एक्सपोर्ट्स: भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत के ट्रम्प टैरिफ से बचने के लिए खरीदारों और निर्यातकों ने नए उपाय खोजने शुरू कर दिए हैं। एशिया प्रशांत क्षेत्र के व्यापारिक केंद्र सिंगापुर के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में, भारतीय निर्यातकों ने अमेरिकी खरीदारों के साथ मिलकर शाखा कार्यालय स्थापित करना शुरू कर दिया है।


सिंगापुर: टैरिफ से बचने का विकल्प

ट्रम्प ने चीन पर 30% और सिंगापुर पर 10% टैरिफ लागू किया है। सिंगापुर के माध्यम से मेड इन इंडिया उत्पादों पर केवल 10% टैरिफ लगेगा, जिससे भारतीय माल अमेरिका में 20% पर पहुंच सकेगा।


पानीपत का टेक्सटाइल उद्योग

पानीपत के टेक्सटाइल निर्यातकों का अमेरिका में लगभग 8000 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार है। जब निर्यातकों ने अमेरिका के बड़े खरीदारों से संपर्क किया, तो सिंगापुर एक संभावित विकल्प के रूप में उभरा। हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, पानीपत के चेयरमैन विनोद धमीजा ने बताया कि यह व्यवस्था उन बड़े उद्यमियों द्वारा बनाई गई है, जिनका कारोबार 100 करोड़ रुपये प्रति माह से अधिक है।


टैरिफ से बचने की रणनीति

पानीपत से निर्यात किए जाने वाले टेक्सटाइल उत्पादों में बाथमेट, शावर कर्टन, कुशन कवर, थ्रो, दरी, पुफ, जूट के बास्केट, और ब्रांडेड दरी शामिल हैं। ये उत्पाद चीन, बांग्लादेश, वियतनाम, टर्की और पाकिस्तान जैसे देशों द्वारा भी बनाए जाते हैं, जिन पर 20 से 35 प्रतिशत कम टैरिफ है। पानीपत के निर्यातकों के लिए यह टैरिफ का अंतर एक बड़ी चुनौती है।