पीएच स्तर का महत्व: स्वास्थ्य के लिए संतुलन बनाए रखने के उपाय

पीएच स्तर और स्वास्थ्य
स्वास्थ्य कार्नर: किसी पदार्थ की खटास या तीखापन को मापने के लिए विज्ञान में पीएच स्केल का उपयोग किया जाता है। यह स्केल 1 से 14 तक होता है, जिसमें 7.34 से 7.42 के बीच का स्तर न्यूट्रल माना जाता है। 1 से 7 तक का स्तर अम्लीय और 7 से 14 तक का स्तर क्षारीय होता है। यदि पीएच स्तर 7.42 से कम हो जाए तो इसे अम्लीय माना जाता है, जबकि 7.34 से अधिक होने पर यह क्षारीय होता है। दोनों स्थितियों में पीएच का असंतुलन स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। सामान्य व्यक्ति लक्षणों के आधार पर इस असंतुलन का अनुमान लगा सकता है।
संतुलन बनाए रखने के उपाय:
शरीर में कीटाणुओं को खत्म करने के लिए थोड़ी मात्रा में एसिड की आवश्यकता होती है। इसलिए, पीएच स्तर को संतुलित रखने के लिए एसिड और क्षारीय खाद्य पदार्थों का सही मिश्रण लेना आवश्यक है।
यदि लोग यह जान लें कि उन्हें क्या खाना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए, तो वे पीएच असंतुलन से बच सकते हैं। आइए इस चार्ट पर नजर डालते हैं…
ज्यादा खाने योग्य चीजें:
ऑलिव ऑइल, गोभी, गाजर, प्याज, खीरा, फलों का रस, अंकुरित अनाज, नींबू, शतावर, हरा प्याज।
अधिक सेवन करें:
पपीता, चुकंदर, तरबूज, हरी फलियां, कच्चा मटर, रतालू, बैंगन, जामुन, बेर, ओट्स, दही।
हमेशा खाने योग्य:
केला, सेब, नाशपाती, चेरी, बाजरा, जैतून, स्ट्रॉबेरी, पत्तागोभी, मौसमी फल।
न्यूट्रल पीएच:
पानी, ताजा मक्खन, गाय का दूध, तेल (जैतून के तेल को छोड़कर)।
कम सेवन करें:
चाय, अंडे, मछली, राजमा, लोबिया, कॉफी, ब्राउन राइस, शक्कर।
हमेशा बचें:
सोडा, बीफ, पोर्क, समुद्री भोजन, पास्ता, अचार, शराब, सिरका, चीज, चॉकलेट, मैदा, कृत्रिम मिठास।