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पेनकिलर्स के अत्यधिक सेवन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम

पेनकिलर्स का अत्यधिक सेवन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है, खासकर युवाओं में। लोग मामूली दर्द के लिए दिन में कई गोलियां लेते हैं, जो धीरे-धीरे आदत में बदल जाती हैं। इस लेख में, हम पेनकिलर्स के दुष्प्रभावों, जैसे पेट में अल्सर, किडनी और लिवर पर प्रभाव, और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चर्चा करेंगे। इसके साथ ही, डॉक्टर की सलाह के महत्व को भी समझेंगे।
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पेनकिलर्स के अत्यधिक सेवन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम

पेनकिलर्स का बढ़ता उपयोग

हेल्थ कार्नर: हाल के समय में, ऐसे व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि हो रही है जो मामूली सिरदर्द, बदनदर्द, कमरदर्द या जोड़ों के दर्द के लिए दिन में 1 से 10 पेनकिलर का सेवन कर रहे हैं। शुरुआत में लोग इन्हें आवश्यकता के अनुसार लेते हैं, लेकिन यह धीरे-धीरे एक आदत में बदल जाता है। ये दवाएं सस्ती होती हैं और इन्हें खरीदने के लिए किसी डॉक्टर की पर्ची की आवश्यकता नहीं होती, जिससे लोग इन्हें अपनी मर्जी से लेते हैं। युवाओं में अनावश्यक पेनकिलर का सेवन अधिक देखने को मिल रहा है।
प्रमुख दवाओं का उपयोग
लोग तुरंत राहत पाने के लिए एस्प्रिन (साल्ट)- डिस्प्रिन, कॉम्बीफ्लेम, ब्रूफेन, और डाइक्लोरान जैसी दवाएं लेते हैं। डिस्प्रिन रक्त को पतला करने में मदद करती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। वहीं, कॉम्बीफ्लेम, ब्रूफेन और डाइक्लोरान बुखार, सिरदर्द और बदनदर्द के लिए उपयोग की जाती हैं।
 

स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव

यदि एक समान मात्रा में दवा लेने पर उसका प्रभाव कम होने लगे और शरीर में अन्य समस्याएं उत्पन्न होने लगें, तो इसे पेनकिलर्स के दुष्प्रभाव के रूप में मानते हुए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पेट: अत्यधिक पेनकिलर के सेवन से पेट में अल्सर, कब्ज, आंतरिक रक्तस्राव जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
पेनकिलर्स के अत्यधिक सेवन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम
लिवर: इसके क्षति का खतरा बढ़ जाता है।
किडनी: ये दवाएं धीरे-धीरे किडनी को कमजोर कर सकती हैं।
दमा: कई दवाएं अस्थमा को बढ़ा सकती हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जैसे चिड़चिड़ापन, याददाश्त में कमी, उदासी या भ्रम।
डॉक्टरी सलाह
बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि हर दवा का सेवन करने का एक विशेष तरीका होता है। डॉक्टर मरीज की चिकित्सा इतिहास, उम्र और आहार के अनुसार दवा की मात्रा और परहेज की सलाह देते हैं।