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प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर भारतीय शेयर बाजार की ऐतिहासिक वृद्धि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर, भारतीय शेयर बाजार ने अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। उनके कार्यकाल में निफ्टी और सेंसेक्स ने ऐतिहासिक ऊंचाइयों को छुआ है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे सरकारी नीतियों और सुधारों ने निवेशकों की संख्या में वृद्धि की है और किस प्रकार विभिन्न सेक्टरों ने लाभ प्राप्त किया है। क्या वैश्विक परिस्थितियों का असर भारतीय बाजार पर पड़ेगा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर भारतीय शेयर बाजार की ऐतिहासिक वृद्धि

प्रधानमंत्री मोदी का 75वां जन्मदिन

प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 17 सितंबर को 75 वर्ष के हो गए हैं। उनके 11 वर्षों के कार्यकाल में भारतीय शेयर बाजार ने अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। 2014 में उनके पहले कार्यकाल की शुरुआत के समय सेंसेक्स और निफ्टी के स्तर आज के मुकाबले लगभग चार गुना बढ़ चुके हैं। जब नरेंद्र मोदी ने मई 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब निफ्टी 7,360 अंकों पर था, जो अब 25,100 के पार पहुंच गया है।


शेयर बाजार की वृद्धि

इस अवधि में सेंसेक्स 24,690 से बढ़कर 82,000 के स्तर पर पहुंच गया है। निफ्टी ने 240 प्रतिशत और सेंसेक्स ने 235 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। हालांकि, सबसे अधिक लाभ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में देखने को मिला। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने 491 प्रतिशत और मिडकैप इंडेक्स ने 435 प्रतिशत की वृद्धि की। बीएसई 500 ने भी 288 प्रतिशत का रिटर्न दिया। इसके विपरीत, अमेरिकी डॉव जोंस ने 175 प्रतिशत और एसएंडपी 500 ने लगभग 244 प्रतिशत का रिटर्न दिया।


निवेशकों की संख्या में वृद्धि

निवेशकों की संख्या में बढ़ोत्तरी

शेयर बाजार की इस मजबूती के पीछे कई महत्वपूर्ण सुधार और सरकारी नीतियां शामिल हैं, जैसे जीएसटी, दिवाला कानून (IBC), पीएसयू बैंकों का पुनर्पूंजीकरण और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर। सरकार ने पूंजीगत व्यय पर जोर दिया है। वित्त वर्ष 2026 में 11.11 लाख करोड़ रुपये, यानी जीडीपी का 3.4 प्रतिशत पूंजीगत खर्च पर आवंटित किए गए हैं। कोविड-19 के बाद खुदरा निवेशकों की भागीदारी भी तेजी से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2020 में जहां निवेशकों की संख्या 4.9 करोड़ थी, वहीं दिसंबर 2024 तक यह बढ़कर 13.2 करोड़ हो गई।


निफ्टी ऑटो में वृद्धि

निफ्टी ऑटो ने लगाई छलांग

सेक्टोरल स्तर पर निफ्टी ऑटो ने 316 प्रतिशत की वृद्धि की है। निफ्टी आईटी ने भी 300 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दिया। बैंक निफ्टी ने 259 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की, जबकि एनपीए बोझ झेल रहे पीएसयू बैंकों की वृद्धि केवल 80 प्रतिशत रही। इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी शेयर भी मजबूत रहे, निफ्टी एनर्जी 244 प्रतिशत और सीपीएसई 147 प्रतिशत चढ़ा।


वैश्विक परिस्थितियों का प्रभाव

वैश्विक परिस्थितियां स्थिर

हालांकि, पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार अपेक्षाकृत कमजोर रहा है और सेंसेक्स लाल निशान में है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कॉरपोरेट आय 10-12 प्रतिशत की दर से बढ़ती रही और वैश्विक परिस्थितियां स्थिर रहीं, तो अगले चार वर्षों में यह संभव है। लेकिन वैश्विक मंदी, कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल या चक्रीय शेयरों में गिरावट जैसे जोखिम अभी भी बने हुए हैं।