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प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी: शशिकला और बीसी जिंदल ग्रुप के ठिकानों पर कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज कई स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें शशिकला और बीसी जिंदल ग्रुप शामिल हैं। यह कार्रवाई 200 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी और 3,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से संबंधित है। जानें इस मामले में क्या हुआ और ईडी की जांच का दायरा क्या है।
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प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी: शशिकला और बीसी जिंदल ग्रुप के ठिकानों पर कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी


नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज हैदराबाद, चेन्नई, आंध्र प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न मामलों में कई स्थानों पर छापे मारे। इन छापेमारियों का उद्देश्य 200 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी और बेनामी संपत्तियों की जांच करना था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला का नाम भी शामिल है।


शशिकला के ठिकानों पर छापे

ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शशिकला और उनके कथित सहयोगी जीआरके रेड्डी से जुड़े कम से कम 10 स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई केनरा बैंक के साथ 200 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित है, जिसमें सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि, इस एफआईआर में शशिकला का नाम नहीं है।


आंध्र प्रदेश में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली-एनसीआर में ईडी ने 3,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 20 स्थानों पर छापे मारे। यह कार्रवाई विशेष जांच दल की प्रारंभिक जांच के बाद की गई, जिसमें बेनामी फर्मों और हवाला नेटवर्क के माध्यम से धन के लेन-देन का पता चला।


बीसी जिंदल ग्रुप पर कार्रवाई

बीसी जिंदल ग्रुप से संबंधित तीसरे मामले में, ईडी ने दिल्ली-एनसीआर और हैदराबाद में ग्रुप के निदेशकों और अधिकारियों के ठिकानों पर कम से कम 13 स्थानों पर छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कंपनी पर विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन का संदेह है, जिसके तहत यह कार्रवाई की गई। जिंदल ग्रुप बिजली क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी है, जिसका वार्षिक कारोबार 18,000 करोड़ रुपये से अधिक है।