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फंगल ईयर इंफेक्शन: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

बारिश के मौसम में फंगल ईयर इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यह संक्रमण कान के बाहरी हिस्से को प्रभावित करता है और इसके लक्षणों में दर्द, खुजली और सुनने में कमी शामिल हैं। जानें कि किन लोगों को अधिक खतरा होता है और इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। इस लेख में हम फंगल ईयर इंफेक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
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फंगल ईयर इंफेक्शन: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

बरसात में स्वास्थ्य पर प्रभाव

हाल के दिनों में लगातार हो रही भारी बारिश ने लोगों के लिए जीवन जीना चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इस मौसम में टाइफॉयड, डायरिया, मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इसके साथ ही सर्दी, बुखार और त्वचा पर रैशेज भी आम हो गए हैं। बारिश के मौसम में कान के संक्रमण को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। आज हम फंगल ईयर इंफेक्शन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।


फंगल ईयर इंफेक्शन क्या है?

फंगल ईयर इंफेक्शन मुख्य रूप से बाहरी कान (ईयर कैनाल) को प्रभावित करता है। यह तब होता है जब एस्परगिलस और कैंडिडा जैसे फंगस कान में बढ़ने लगते हैं। ये फंगस गर्म तापमान में तेजी से बढ़ते हैं, इसलिए यह संक्रमण आमतौर पर गर्मियों में होता है। बिना उपचार के, यह संक्रमण सामान्यतः ठीक नहीं होता है।


फंगल ईयर इंफेक्शन के लक्षण

फंगल ईयर इंफेक्शन एक या दोनों कानों में हो सकता है। इसके लक्षण विभिन्न व्यक्तियों में भिन्न हो सकते हैं, जैसे:



  • कान में दर्द

  • कान या ईयर कैनाल का रंग बदलना (लाल, पीला, बैंगनी या ग्रे)

  • तेज खुजली होना

  • कान के आसपास की त्वचा का झड़ना

  • दर्द या जलन महसूस होना

  • कान के आसपास सूजन

  • कान से पीला, हरा, काला, सफेद या ग्रे रंग का लिक्विड निकलना

  • कान में आवाज आना

  • कान भारी लगना

  • सुनने में कमी होना

  • चक्कर आना

  • बुखार होना


किसे है अधिक खतरा?

कुछ व्यक्तियों को फंगल ईयर इंफेक्शन का अधिक खतरा होता है, जैसे:



  • स्कूबा डाइविंग करने वाले

  • वाटर स्पोर्ट्स करने वाले

  • कॉटन स्वैब या हेयर पिन से कान साफ करने वाले

  • कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग

  • कान की त्वचा की बीमारी वाले

  • कान में चोट या ट्रॉमा वाले


बचाव के उपाय

फंगल ईयर इंफेक्शन से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करें:



  • स्विमिंग या नहाने के बाद कान को अच्छी तरह सुखाएं।

  • कान को खुद साफ करने से बचें, स्वैब का उपयोग हानिकारक हो सकता है।

  • कान के पास हेयर स्प्रे, हेयर डाई या सिगरेट के धुएं से दूर रहें।

  • एंटीबायोटिक ईयर ड्रॉप्स का अत्यधिक उपयोग न करें।