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फरीदाबाद में 250 साल पुराने मंदिर पर कुर्क नोटिस का विवाद

फरीदाबाद में 250 साल पुराने उदासीन आश्रम मंदिर को प्रॉपर्टी टैक्स के लिए कुर्क नोटिस जारी किया गया है, जिससे मंदिर समिति और स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया है। समिति का कहना है कि धार्मिक स्थलों को टैक्स से छूट है, फिर भी उन्हें बार-बार नोटिस भेजा जा रहा है। जानें इस विवाद की गहराई और मंदिर समिति की प्रतिक्रिया।
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फरीदाबाद में 250 साल पुराने मंदिर पर कुर्क नोटिस का विवाद

मंदिर कुर्क नोटिस: हरियाणा में विवाद की शुरुआत

फरीदाबाद में मंदिर कुर्क नोटिस: 250 साल पुराना मंदिर संकट में! हाल ही में, हरियाणा सरकार और फरीदाबाद नगर निगम ने बल्लभगढ़ के उदासीन आश्रम मंदिर को 1,36,618 रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने का नोटिस जारी किया है।


मंदिर समिति का कहना है कि धार्मिक स्थलों को टैक्स से छूट मिलती है, फिर भी उन्हें बार-बार नोटिस भेजकर परेशान किया जा रहा है। नोटिस में 7 दिन के भीतर राशि जमा करने की चेतावनी दी गई है, अन्यथा मंदिर को कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी। आइए, इस विवाद की गहराई में जाकर समझते हैं कि असल में क्या हो रहा है।


नोटिस का प्रभाव: मंदिर समिति की प्रतिक्रिया

फरीदाबाद नगर निगम ने मोहना मार्ग पर स्थित उदासीन आश्रम मंदिर को 1,36,618 रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने के लिए नोटिस भेजा है। यह राशि 31 मार्च 2024 तक जमा होनी थी, लेकिन अब सरचार्ज के साथ भुगतान की मांग की जा रही है। मंदिर समिति के संचालक राजेंद्र बरेजा ने बताया कि दो महीने पहले भी ऐसा ही नोटिस आया था, जिसे रद्द करवाया गया था।


इस बार नोटिस में साबुन कॉलोनी का उल्लेख किया गया है, लेकिन ऑनलाइन फोटो मंदिर की ही लगाई गई है। समिति का मानना है कि यह गलती या जानबूझकर की गई हरकत हो सकती है। टैक्स से छूट के बावजूद बार-बार नोटिस भेजना समिति के लिए परेशानी का कारण बन रहा है।


मंदिर समिति का विरोध और स्थानीय लोगों की भावना

मंदिर कुर्क नोटिस के खिलाफ समिति का कड़ा रुख है। राजेंद्र बरेजा का कहना है कि धार्मिक स्थलों को प्रॉपर्टी टैक्स से छूट मिली हुई है। इसके बावजूद नगर निगम की ओर से बार-बार नोटिस भेजना अनुचित है। समिति का कहना है कि यह 250 साल पुराना मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है। इसे कुर्क करने की धमकी न केवल गलत है, बल्कि लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली भी है।


स्थानीय लोग भी इस नोटिस के खिलाफ हैं। उनका मानना है कि मंदिर जैसे पवित्र स्थानों को ऐसी कार्रवाइयों से दूर रखना चाहिए। समिति ने प्रशासन से इस मामले में स्पष्टता और नोटिस रद्द करने की मांग की है।


धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सवाल

यह मंदिर कुर्क नोटिस फरीदाबाद में एक बड़ा विवाद बन गया है। यह मामला न केवल मंदिर समिति, बल्कि आम लोगों की भावनाओं से भी जुड़ा है। हरियाणा सरकार और नगर निगम को इस मामले में पारदर्शिता बरतने की आवश्यकता है। यदि मंदिरों को टैक्स से छूट है, तो बार-बार नोटिस भेजने का क्या औचित्य है?


यह घटना धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और सम्मान पर सवाल उठाती है। मंदिर समिति और स्थानीय लोग अब इस मामले में प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। यह आवश्यक है कि सरकार और नगर निगम इस विवाद को जल्द सुलझाएं, ताकि लोगों का भरोसा बना रहे।