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फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रभावी आसन

फेफड़ों की स्वास्थ्य को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। धूम्रपान और अन्य कारणों से फेफड़ों की क्षमता में कमी आ सकती है। इस लेख में, हम आपको कुछ प्रभावी योगासन के बारे में बताएंगे, जो आपकी सांस लेने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करेंगे। कुंभक प्राणायाम, इंटरकोस्टल ब्रीदिंग, और ताड़ासन जैसे आसनों का नियमित अभ्यास करके आप अपने फेफड़ों को मजबूत बना सकते हैं। जानें इन आसनों के लाभ और सही तरीके से कैसे करें।
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फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रभावी आसन

फेफड़ों की स्वास्थ्य पर ध्यान दें

सिगरेट और बीड़ी का सेवन फेफड़ों में हानिकारक धुएं को भर देता है, जिससे सांस लेने की क्षमता में कमी आती है। कई लोग इस समस्या का सामना करते हैं, जिससे उन्हें घुटन महसूस होती है। कम सांस लेने का अर्थ है कि आपके फेफड़े स्वस्थ नहीं हैं। यह स्थिति कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे दिल पर अतिरिक्त दबाव, थकान, मानसिक तनाव, और गंभीर बीमारियों के संकेत।


फेफड़ों की क्षमता और स्वास्थ्य

फेफड़े लगभग 6 लीटर हवा को समाहित कर सकते हैं, जिसे कुल लंग कैपेसिटी कहा जाता है। इसका मतलब है कि जब हम गहरी सांस लेते हैं, तो फेफड़ों में इतनी हवा समा सकती है, जितनी एक सामान्य व्यक्ति एक मिनट में 12 से 15 बार सांस लेता है। लेकिन धूम्रपान, व्यायाम की कमी और अन्य कारणों से फेफड़ों की क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है, जिससे डायाफ्राम कमजोर होता है। इस लेख में, हम आपको कुछ आसनों के बारे में बताएंगे, जो आपकी फेफड़ों की सांस लेने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करेंगे।


कुंभक प्राणायाम

यह आसन फेफड़ों को मजबूत बनाने में सहायक है। इसे करने के लिए, ध्यान मुद्रा में बैठें और रीढ़ को सीधा रखें। पहले 4 सेकंड तक गहरी सांस लें, फिर 8 सेकंड तक सांस रोकें, और अंत में 4 सेकंड में धीरे-धीरे सांस छोड़ें। नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करने से फेफड़ों की क्षमता और सांस लेने की शक्ति में वृद्धि होती है।


इंटरकोस्टल ब्रीदिंग

इंटरकोस्टल ब्रीदिंग से पसलियों और उनसे जुड़ी मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। इसे करने के लिए आराम से बैठें और हाथों से पसलियों को पकड़ें। गहरी सांस लें और पसलियों को फैलने दें। सांस छोड़ते समय सामान्य स्थिति में लौटें। इससे फेफड़ों में अधिक हवा भरती है और शरीर को बेहतर ऑक्सीजन मिलती है।


भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम को बेलोज ब्रीदिंग भी कहा जाता है। इसमें तेजी से सांस लेना और छोड़ना शामिल है। पहले ध्यान मुद्रा में बैठें, फिर 1-2 बार गहरी सांस लें और छोड़ें। इसके बाद, सांस रोककर पेट को तेजी से अंदर-बाहर करें। इसे कम से कम 5 से 15 बार करें। यह आसन फेफड़ों को साफ करता है और सांस लेने की क्षमता को बढ़ाता है।


ताड़ासन

ताड़ासन पूरे शरीर को खींचता है और फेफड़ों को खोलता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े हों और पैरों के बीच 1 फुट की दूरी रखें। गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और पंजों के बल खड़े हो जाएं। कुछ समय इस स्थिति में रहने के बाद, सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएं। इससे पसलियां और डायाफ्राम मजबूत होते हैं।


कोणासन-2

कोणासन-2 करने से फेफड़ों के छोटे हिस्से सक्रिय होते हैं। इसे करने के लिए पैरों को 2.5 से 3 फीट की दूरी पर रखें। गहरी सांस लेते हुए हाथ को सिर के पास लाएं और धीरे-धीरे एक तरफ झुकें। थोड़ी देर सांस रोकें और फिर सामान्य स्थिति में लौटें। इस प्रक्रिया को दूसरी ओर भी दोहराएं। इससे शरीर में अधिक ऑक्सीजन पहुंचता है और फेफड़े मजबूत होते हैं।