Newzfatafatlogo

फॉर्म 16 के बिना ITR फाइल करने की प्रक्रिया: जानें क्या करें

फॉर्म 16 के बिना ITR फाइल करना उन कर्मचारियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जिनका वार्षिक वेतन पांच लाख रुपये से अधिक है। इस लेख में, हम समझेंगे कि कैसे बिना फॉर्म 16 के ITR फाइल किया जा सकता है और क्या विकल्प उपलब्ध हैं। यदि आपका वेतन कम है, तो आपको फॉर्म 16 की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, हम फॉर्म 16 के महत्व और ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि के बारे में भी चर्चा करेंगे। जानें सभी महत्वपूर्ण जानकारी और विकल्प।
 | 
फॉर्म 16 के बिना ITR फाइल करने की प्रक्रिया: जानें क्या करें

फॉर्म 16 के बिना ITR फाइलिंग की चुनौतियाँ

फॉर्म 16 के बिना ITR फाइलिंग: उन कर्मचारियों के लिए जिनका वार्षिक वेतन पांच लाख रुपये से अधिक है, फॉर्म 16 के बिना ITR फाइल करना कठिन हो सकता है। यदि आपने अपनी बचत से संबंधित दस्तावेज अपने नियोक्ता को सौंप दिए हैं और फिर भी फॉर्म 16 के बिना ITR दाखिल करना चाहते हैं, तो आपकी आय टैक्स वेबसाइट पर पैन कार्ड डालने पर दिखाई देगी। हालांकि, आपके नाम पर जो टैक्स दिखेगा, वह आपके द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों में नहीं होगा। ऐसे में आपको अपने नियोक्ता से फॉर्म 16 प्राप्त करना आवश्यक होगा।


कम वेतन वाले कर्मचारियों के लिए ITR फाइलिंग

यदि आपका वार्षिक वेतन पांच लाख रुपये से कम है, तो आपको ITR फाइल करने के लिए फॉर्म 16 की आवश्यकता नहीं है। आप बिना इसके भी आयकर विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन ITR दाखिल कर सकते हैं।


फॉर्म 16 का महत्व

फॉर्म 16 की भूमिका: यह एक दस्तावेज है जो कंपनी द्वारा कर्मचारियों को प्रदान किया जाता है, जिसमें उनके वार्षिक वेतन, भत्ते और काटे गए टैक्स की जानकारी होती है। इसके अलावा, इसमें आपकी बचत (धारा 80C, 80D) की जानकारी भी होती है। कई कंपनियाँ हर महीने वेतन से टैक्स काटती हैं, और ये सभी विवरण फॉर्म 16 में होते हैं। यदि आप फॉर्म 16 जमा करते हैं, तो आपको कटे हुए टैक्स का रिफंड मिल सकता है। हालांकि, फॉर्म 16 के बिना भी वैकल्पिक दस्तावेजों के आधार पर रिटर्न फाइल किया जा सकता है।


आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तिथि

15 सितंबर तक ITR न भरने पर क्या करें: सीबीडीटी की अधिसूचना के अनुसार, वर्ष 2025-26 के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है। यदि आप इस तिथि तक ITR दाखिल नहीं कर पाते हैं, तो धारा 234ए के तहत ब्याज और धारा 234एफ के तहत लेट फीस लग सकती है। हालांकि, अंतिम तिथि के बाद भी आप 31 दिसंबर तक विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए विलंब शुल्क और ब्याज लागू होगा।