बच्चों की त्वचा की देखभाल: रोजाना नहलाने के मिथक और सच्चाई

बच्चों की त्वचा की देखभाल के टिप्स
बच्चों की त्वचा की देखभाल: आपने अक्सर सुना होगा कि रोजाना स्नान करना आवश्यक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटे बच्चों और शिशुओं को हर दिन स्नान नहीं कराना चाहिए? इसका मुख्य कारण उनकी त्वचा की नाजुकता है। बच्चों की त्वचा वयस्कों की तुलना में बहुत अधिक संवेदनशील होती है, और गलत उत्पादों का उपयोग उनके लिए हानिकारक हो सकता है। यहां तक कि गर्म पानी भी उनके लिए उचित नहीं है। आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
विशेषज्ञों की राय
रांची के मीनाक्षी हॉस्पिटल्स के प्रमुख नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. रंजन कुमार ने एक निजी वेबसाइट पर बताया कि बच्चों की त्वचा वयस्कों की त्वचा से भिन्न होती है। इसके अलावा, उन्होंने कुछ सामान्य मिथकों के बारे में भी बताया, जिन्हें माता-पिता को ध्यान में रखना चाहिए।
बच्चों की त्वचा से जुड़े मिथक
सनस्क्रीन का उपयोग
हालांकि, सनस्क्रीन एक उपयोगी उत्पाद है, लेकिन बच्चों को इसे सावधानी से लगाना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि छह महीने से छोटे बच्चों को सीधे धूप से बचाना चाहिए। जब बच्चे छह महीने से बड़े हो जाएं, तो उन्हें SPF 50 वाला सनस्क्रीन लगाकर बाहर भेजा जा सकता है। ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में सनस्क्रीन का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमें हानिकारक रसायन हो सकते हैं।
क्या बच्चों को रोजाना नहलाना चाहिए?
बड़ों के लिए रोजाना स्नान करना सामान्य है, लेकिन छोटे बच्चों के लिए यह सवाल थोड़ा जटिल है। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में बच्चों को रोजाना स्नान से बचना चाहिए। मानसून में, यदि बच्चे की सेहत ठीक है, तो उन्हें नहलाया जा सकता है। मौसम चाहे जो भी हो, स्नान के लिए गुनगुने पानी और लो-पैराबिन साबुन का उपयोग करना चाहिए।
मॉइश्चराइज़र का उपयोग
बच्चों की त्वचा को हल्का और केमिकल-मुक्त मॉइश्चराइज़र लगाना चाहिए। उनकी त्वचा नाजुक होती है और जल्दी से नमी खो देती है। इसलिए, प्राकृतिक तेल जैसे जैतून का तेल, बादाम का तेल और देसी घी का उपयोग किया जा सकता है।