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बच्चों के ऑनलाइन गेमिंग से बैंक फ्रॉड से बचने के उपाय

आजकल के डिजिटल युग में, बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग के दौरान धोखाधड़ी से बचाने के लिए आवश्यक सावधानियों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। इस लेख में, हम उन तीन प्रमुख गलतियों के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्हें बच्चों को नहीं करनी चाहिए, और यदि वे गलती से धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, तो उन्हें क्या करना चाहिए। जानें कैसे सरल उपायों से आप अपने बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं।
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बच्चों के ऑनलाइन गेमिंग से बैंक फ्रॉड से बचने के उपाय

ऑनलाइन गेमिंग में सावधानी बरतें

ऑनलाइन गेम साइबर धोखाधड़ी: आजकल, हम अपने बच्चों को फोन देकर अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं। लेकिन हमें यह नहीं पता होता कि बच्चे फोन पर क्या कर रहे हैं। अगर कुछ गलत हो जाता है, तो पछताने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। इसलिए यह आवश्यक है कि जब बच्चे को फोन दिया जाए, तो उन्हें सही और गलत का ज्ञान भी दिया जाए। थोड़ी सी लापरवाही से बैंक खाता खाली हो सकता है।


स्मार्टफोन में ऑनलाइन गेमिंग के दौरान बैंक खाते से धोखाधड़ी कैसे हो सकती है, इस बारे में गृह मंत्रालय के अंतर्गत साइबर दोस्त ने जानकारी साझा की है। दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साइबर दोस्त ने अपने आधिकारिक हैंडल से बच्चों को बताया है कि कैसे आपके माता-पिता के फोन से बैंक खाता खाली हो सकता है।


बच्चों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि उनका बैंक खाता सुरक्षित रहे? आइए जानते हैं कि कौन सी 3 गलतियां नहीं करनी चाहिए और अगर बैंक खाता धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है, तो सबसे पहले क्या करना चाहिए?




इन 3 गलतियों से बचें

1. ऑनलाइन गेमिंग के दौरान अगर कोई 100 रुपये लगाकर रिडीम या अन्य लाभ का दावा करता है, तो उस पर क्लिक न करें। यह स्कैमर्स की चाल हो सकती है और इससे आपका बैंक खाता खाली हो सकता है।


2. यदि फोन पर गेम डाउनलोड करने का लिंक आता है, तो उस पर क्लिक न करें। यह लिंक आपके बैंक खाते को खाली कर सकता है।


3. किसी अनजान नंबर पर क्लिक न करें। अगर आपको WhatsApp या फोन पर SMS मिलता है, तो उस पर क्लिक करने से बचें। यह एक धोखाधड़ी की चाल हो सकती है जिससे आपका बैंक खाता खाली हो सकता है।


अगर धोखाधड़ी हो जाए तो क्या करें?

यदि आप गलती से ऐसा कर देते हैं और आपका बैंक खाता खाली हो जाता है, तो तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें। इसके अलावा, ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से साइबर ब्रांच में शिकायत दर्ज कराएं।