बच्चों में अधिक चीनी का सेवन: स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव
बच्चों में अधिक चीनी का सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि यह मोटापा, हाइपरएक्टिविटी और दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को जीवन के पहले तीन वर्षों में चीनी का सेवन कम करना चाहिए। यह उनके भविष्य के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। जानें कैसे चीनी का सेवन बच्चों की सेहत को प्रभावित करता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
| Dec 26, 2025, 12:16 IST
बच्चों की सेहत पर चीनी का प्रभाव
पिछले कुछ दशकों में, ऐसी बीमारियाँ जो आमतौर पर वृद्ध लोगों को प्रभावित करती थीं, अब युवा और बच्चों में भी देखने को मिल रही हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए। विशेष रूप से, बच्चों का आहार, जिसमें अधिक शुगर और नमक शामिल हैं, कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रहा है। शोध से पता चलता है कि चॉकलेट, बिस्किट और जूस जैसे खाद्य पदार्थों में शुगर की अधिकता बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा रही है।
गंभीर बीमारियों का खतरा
यदि इस समस्या को समय पर नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। यदि आपका बच्चा भी चीनी युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन कर रहा है, तो आपको सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को आमंत्रित कर सकता है।
बच्चों के लिए चीनी का हानिकारक प्रभाव
ज्यादा चीनी बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक
अध्ययनों से यह स्पष्ट होता है कि अधिक चीनी का सेवन बच्चों में बार-बार बीमारियों, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, मोटापा, हाइपरएक्टिविटी, प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी, दांतों की सड़न और डायबिटीज जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ाता है। पैक्ड फूड्स में भी उच्च कैलोरी और उच्च शुगर होती है, जो बच्चों को बहुत पसंद आती है। लेकिन इनका लंबे समय तक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
3 साल तक के बच्चों के लिए चीनी का सेवन
3 साल तक के बच्चों को नहीं देनी चाहिए चीनी
क्या जीवन के प्रारंभिक चरण में शुगर की मात्रा को कम करने से बड़े होने पर दिल की बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है? इस पर विशेषज्ञों ने अध्ययन किया।
अध्ययन में पाया गया कि यदि बच्चों को जीवन के पहले 1,000 दिनों तक यानी लगभग 3 साल तक चीनी युक्त खाद्य पदार्थ कम दिए जाएं, तो इससे बड़े होने पर कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
चीनी से होने वाली समस्याएं
ज्यादा चीनी से होने वाली समस्याएं
यूके बायोबैंक में 63,433 बच्चों के डेटा के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की गई। इस अध्ययन में पाया गया कि जिन बच्चों को जन्म के पहले दो वर्षों में चीनी युक्त खाद्य पदार्थ कम दिए गए, उनमें कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा उन बच्चों की तुलना में 20 प्रतिशत कम था, जिन्होंने अधिक चीनी का सेवन किया।
कम चीनी का सेवन करने वाले बच्चों में हार्ट फेलियर, मायोकार्डियल इन्फार्क्शन, एट्रियल फिब्रिलेशन, स्ट्रोक और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से होने वाली मौत का जोखिम भी कम था।
बच्चों के लिए चीनी की मात्रा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चे दिनभर में जितनी चीनी का सेवन करते हैं, उसका उन्हें पता नहीं चलता। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों को दिनभर में 25 ग्राम से अधिक चीनी नहीं लेनी चाहिए। लेकिन भारत में अधिकांश बच्चे इससे कहीं अधिक चीनी का सेवन कर रहे हैं, जिसका सीधा असर उनके दांतों, वजन, ऊर्जा स्तर और भविष्य में होने वाली बीमारियों पर पड़ता है।
