बजाज आलियांज के हेल्थ इंश्योरेंस धारकों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा में बदलाव

कैशलेस इलाज की सुविधा पर संकट
नई दिल्ली: यदि आपके पास बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस का स्वास्थ्य बीमा है, तो यह जानकारी आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उत्तर भारत के कई अस्पतालों में 1 सितंबर, 2025 से इस कंपनी के पॉलिसीधारकों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा समाप्त हो सकती है। अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों की एसोसिएशन AHPI (एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स-इंडिया) ने अपने सदस्यों को यह सुविधा रोकने की सलाह दी है।
AHPI ने बजाज आलियांज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एसोसिएशन का कहना है कि बीमा कंपनी कई साल पुराने अनुबंध के आधार पर अस्पतालों को भुगतान कर रही है और इलाज की बढ़ती लागत के अनुसार दरों में संशोधन करने से इनकार कर रही है। AHPI, जो देशभर के 15,000 से अधिक अस्पतालों का प्रतिनिधित्व करती है, ने बताया कि बीमा कंपनी द्वारा भुगतान में मनमानी कटौती, भुगतान में अनावश्यक देरी और पूर्व-अनुमति (pre-authorization) में लंबा समय लगने जैसी समस्याएं अस्पतालों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन रही हैं।
AHPI के महानिदेशक गिरधर ग्यानी ने कहा, “मेडिकल क्षेत्र में हर साल इनपुट लागत 7-8 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। ऐसे में कई साल पुरानी दरों पर अस्पतालों के लिए काम करना और मरीजों की देखभाल की गुणवत्ता बनाए रखना असंभव हो गया है।”
बजाज आलियांज ने AHPI के इस कदम पर आश्चर्य व्यक्त किया है। कंपनी के स्वास्थ्य बीमा प्रमुख, भास्कर नेरुरकर ने एक बयान में कहा, “हम हमेशा अपने ग्राहकों को सर्वोत्तम अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें पूरा विश्वास है कि हम AHPI और सदस्य अस्पतालों के साथ मिलकर इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकाल लेंगे जो हमारे ग्राहकों के हित में होगा।”
AHPI ने केवल बजाज आलियांज को ही नहीं, बल्कि 22 अगस्त को केयर हेल्थ इंश्योरेंस को भी इसी तरह का नोटिस भेजा है। यदि केयर हेल्थ इंश्योरेंस 31 अगस्त तक जवाब नहीं देती है, तो उसके पॉलिसीधारकों के लिए भी कैशलेस इलाज की सुविधा रोकी जा सकती है। इस घटनाक्रम से बीमा कंपनियों और अस्पतालों के बीच चल रहा टकराव स्पष्ट रूप से सामने आ गया है, जिसका सीधा असर लाखों पॉलिसीधारकों पर पड़ सकता है।