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बरसात में वायरल बुखार: जानें इसके कारण और उपचार

बरसात के मौसम में वायरल बुखार एक आम समस्या बन जाती है। यह बुखार संक्रमण के कारण होता है और इसके लक्षणों में खांसी, गले में खराश और बुखार शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल बुखार में रिकवरी में एक हफ्ता लग सकता है, जबकि बैक्टीरियल बुखार के लिए एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता होती है। जानें कि बार-बार वायरल बुखार क्यों होता है और इसके सही उपचार के लिए क्या करना चाहिए।
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बरसात में वायरल बुखार: जानें इसके कारण और उपचार

स्वास्थ्य टिप्स:

बरसात के मौसम में अक्सर लोग बीमार पड़ जाते हैं, जिसे हम वायरल बुखार के नाम से जानते हैं। यह बुखार किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है और आमतौर पर संक्रमण के कारण होता है। मौसम में बदलाव के साथ, वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल बुखार में शरीर का तापमान 24 घंटे के भीतर सामान्य नहीं होता। दवा लेने के बावजूद, बुखार ठीक होने में कम से कम 2 दिन लगते हैं और पूरी तरह से ठीक होने में 5 दिन का समय लग सकता है। लेकिन सवाल यह है कि कुछ लोगों को बार-बार वायरल बुखार क्यों होता है?


विशेषज्ञों की राय

पेस अस्पताल की जनरल मेडिसिन विभाग की डॉक्टर मोनिका जेती का कहना है कि अधिकांश वायरल बुखार अपने समय पर ठीक हो जाते हैं, लेकिन इसके लिए उचित आराम और खान-पान का ध्यान रखना आवश्यक है। वायरल और बैक्टीरियल बुखार के बीच अंतर को समझना भी जरूरी है।


वायरल और बैक्टीरियल बुखार में अंतर

ये दोनों बुखार अलग-अलग होते हैं, लेकिन उनके लक्षण काफी समान होते हैं। वायरल बुखार में रिकवरी में लगभग एक हफ्ता लगता है, जबकि बैक्टीरियल बुखार में बुखार तेज होता है और गले में खराश अधिक होती है। वायरल बुखार में नाक बंद होने की समस्या अधिक होती है।


बार-बार वायरल बुखार का कारण

वायरल और बैक्टीरियल बुखार में अंतर को समझना महत्वपूर्ण है। वायरल बुखार में तापमान कम करने के लिए दवा दी जाती है, जबकि बैक्टीरियल बुखार में एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता होती है।


सही उपचार क्या है?

यदि आपको बार-बार वायरल संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, तो दवा लेने से बचें। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल बुखार में रिकवरी एक हफ्ते के भीतर हो जाती है, जिसमें पर्याप्त नींद और आराम लेना आवश्यक है। इसके अलावा, स्टीम, हाइड्रेशन और काढ़ा लेना भी फायदेमंद होता है। यदि 3 दिन बाद भी सुधार नहीं होता, तो डॉक्टर से संपर्क करें। बैक्टीरियल बुखार को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेकर दवा लेनी चाहिए।


लक्षणों की तुलना

  • दोनों बुखार में खांसी और गले में खराश होती है।
  • वायरल बुखार में नाक में खुजली और जलन होती है।
  • वायरल बुखार में तापमान कम से ज्यादा होता है, जबकि बैक्टीरियल बुखार में तेज बुखार होता है।