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बांग्लादेश विमान हादसे के बाद मोहम्मद यूनुस की चंदा मांगने की अपील पर बवाल

ढाका में हुए विमान हादसे के बाद बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार विवादों में घिर गई है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने फेसबुक पर चंदा मांगने की अपील की, जिससे सोशल मीडिया पर भारी विरोध हुआ। इस पोस्ट को हटाने के बाद भी सरकार की नीतियों पर सवाल उठते रहे। छात्रों और स्थानीय लोगों ने घटनास्थल पर प्रदर्शन किया, जबकि विपक्ष ने सरकार की कार्रवाई की आलोचना की। जानें इस पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी।
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बांग्लादेश विमान हादसे के बाद मोहम्मद यूनुस की चंदा मांगने की अपील पर बवाल

बांग्लादेश की सरकार विवादों में

ढाका में हाल ही में हुए विमान दुर्घटना के बाद बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार मुश्किलों में फंस गई है। इस हादसे में कई लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए। लेकिन सबसे ज्यादा नाराजगी तब भड़की जब मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने फेसबुक पर आम जनता से चंदा मांगने की अपील की। इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर भारी विरोध को जन्म दिया, जिसके बाद उन्हें इसे हटाना पड़ा।


चंदा मांगने की अपील पर उठे सवाल

देश पहले से ही विमान दुर्घटना के सदमे में था, ऐसे में सरकार की ओर से आर्थिक सहायता के बजाय लोगों से 'मुख्य सलाहकार राहत और कल्याण कोष' में दान मांगना कई लोगों को बेहद अपमानजनक लगा। सोशल मीडिया पर इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं, जिसमें यूनुस की सरकार की क्षमताओं और प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल उठाए गए।


सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

22 जुलाई को दोपहर करीब 2 बजे मोहम्मद यूनुस ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने विमान हादसे के पीड़ितों की सहायता के लिए चंदा देने की अपील की। यह पोस्ट उनके वरिष्ठ सहायक प्रेस सचिव फयेज अहमद द्वारा आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में भी साझा की गई, जिससे इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि हुई।


जनता का गुस्सा फूटा

जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। एक यूजर ने लिखा, 'क्या अब देश चलाने के लिए भीख मांगनी पड़ रही है?' वहीं, किसी ने सरकार से पुराने फंड्स का हिसाब मांगा।


पोस्ट हटाने का निर्णय

चूंकि विवाद बढ़ता गया, इसलिए बिना किसी स्पष्टीकरण के इस पोस्ट को हटा दिया गया। हालांकि, इससे पहले तक यह सरकार की नीतियों और क्षमताओं पर सवालिया निशान छोड़ चुका था।


घटनास्थल पर प्रदर्शन

हादसे के बाद जब सरकारी प्रतिनिधि घटनास्थल पर पहुंचे, तो छात्रों और स्थानीय लोगों ने उन्हें घेर लिया और जमकर नारेबाज़ी की। छात्रों ने शिक्षा सलाहकार और शिक्षा सचिव के इस्तीफे की मांग की और सरकार पर जानकारी छिपाने का आरोप लगाया।


विपक्ष और जनता दोनों नाराज

शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है। पार्टी ने कहा, 'सरकार ने हादसे के बाद छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों पर दमन का रास्ता अपनाया है। पुलिस द्वारा साउंड ग्रेनेड और आंसू गैस के इस्तेमाल से यह साफ हो गया है कि सरकार संकट से निपटने में पूरी तरह नाकाम रही है।'