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बाथरूम में न करें ये 7 कार्य, जानें वास्तु के अनुसार

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरूम में कुछ कार्यों से बचना चाहिए, जैसे पूजा सामग्री रखना, मंत्र जाप करना, और खाना पीना। ये कार्य न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, बल्कि घर की सकारात्मक ऊर्जा को भी प्रभावित कर सकते हैं। जानें और भी महत्वपूर्ण बातें जो आपको बाथरूम में नहीं करनी चाहिए, ताकि आपके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहे।
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बाथरूम में न करें ये 7 कार्य, जानें वास्तु के अनुसार

वास्तु टिप्स

Vastu Tips: वैदिक शास्त्रों में जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए नियम और निर्देश दिए गए हैं, जिनका पालन करने से सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। बाथरूम एक महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन इसे अपवित्र और मायावी ग्रह राहु का स्थान माना गया है। इसलिए, बाथरूम में कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये न केवल हानिकारक हो सकते हैं, बल्कि स्वास्थ्य और घर की सकारात्मक ऊर्जा पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। आइए जानते हैं कि बाथरूम में किन कार्यों से बचना चाहिए।


पूजा सामग्री रखना

शास्त्रों के अनुसार, बाथरूम को अपवित्र स्थान माना जाता है, क्योंकि यह शारीरिक अशुद्धियों को दूर करने का स्थान है। वास्तु शास्त्र और अग्नि पुराण के अनुसार, बाथरूम में पूजा सामग्री रखना अशुभ होता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और पूजा का फल नहीं मिलता है।


भगवान का मंत्र जाप करना

गरुड़ पुराण और मनुस्मृति में कहा गया है कि शौचालय या स्नानघर में भगवान का मंत्र जाप करना या कोई धार्मिक कार्य करना वर्जित है। बाथरूम में मंत्र जाप करने से मंत्र की शक्ति नष्ट हो सकती है और यह अपवित्रता का कारण बनता है।


बाथरूम में कुछ खाना या पीना

वास्तु शास्त्र और आयुर्वेद के अनुसार, बाथरूम में खाना खाना या पानी पीना स्वास्थ्य और आध्यात्मिक दृष्टि से हानिकारक है। शास्त्रों में भोजन को अन्नपूर्णा का आशीर्वाद माना गया है, और इसे अपवित्र स्थान पर ग्रहण करने से नकारात्मक ऊर्जा शरीर में प्रवेश कर सकती है। इसके साथ ही, इससे पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।


दर्पण के सामने ज्यादा समय बिताना

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरूम में दर्पण के सामने ज्यादा समय बिताना, जैसे कि घंटों तैयार होना या बातें करना, नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। दर्पण ऊर्जा को परावर्तित करता है और बाथरूम जैसे स्थान में यह नकारात्मकता को बढ़ा सकता है।


बातचीत करना

शास्त्रों में बाथरूम को मौन और स्वच्छता का स्थान माना गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार, बाथरूम में बात करना या गाना गाना अनुचित है। इससे जीवन में शांति भंग होती है और नकारात्मक ऊर्जा फैलती है।


बाथरूम को गंदा रखना

वास्तु शास्त्र और आयुर्वेद में स्वच्छता को बहुत महत्व दिया गया है। बाथरूम को गंदा या अव्यवस्थित रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में बीमारियां आकर्षित होती हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि गंदा बाथरूम लक्ष्मी के अपमान का कारण बनता है, जिससे धन हानि हो सकती है।


बाथरूम में कपड़े सुखाना

कुछ शास्त्रों और वास्तु नियमों के अनुसार, बाथरूम में कपड़े सुखाना अनुचित माना गया है, खासकर अगर बाथरूम शौचालय के साथ संयुक्त हो। इससे कपड़ों में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ सकता है, जो पहनने वाले के स्वास्थ्य और मन को प्रभावित करता है।