बाथरूम में मोबाइल का उपयोग: स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव

बाथरूम में मोबाइल का बढ़ता उपयोग
नई दिल्ली। तकनीकी प्रगति के साथ, लोगों की आदतों में भी महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है। पहले लोग बाथरूम में दैनिक समाचार पत्र पढ़ना पसंद करते थे, लेकिन अब मोबाइल फोन का उपयोग बढ़ गया है। लोग बाथरूम में बैठकर समाचार देखने और पढ़ने में 20 से 30 मिनट बिता रहे हैं।
हालांकि, यह जानना जरूरी है कि बाथरूम में मोबाइल का उपयोग हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, एक मोबाइल फोन पर प्रति वर्ग इंच 10,000 से 25,000 बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो कि एक टॉयलेट सीट की तुलना में कहीं अधिक है। फोन पर मौजूद बैक्टीरिया जैसे स्टैफिलोकोकस, ई. कोलाई, और स्ट्रेप्टोकोकस आसानी से त्वचा और मुंह में प्रवेश कर सकते हैं।
एक अन्य अध्ययन में यह पाया गया है कि जो लोग टॉयलेट में लंबे समय तक फोन का उपयोग करते हैं, उनमें पाइल्स का खतरा 46 प्रतिशत अधिक होता है। लंबे समय तक बैठने से रेक्टल वेंस पर दबाव बढ़ता है, जो आगे चलकर हेमरॉइड्स और अन्य पाचन समस्याओं का कारण बन सकता है।
बाथरूम में फोन का उपयोग क्यों खतरनाक है?
1 – पाइल्स और एनल फिशर का खतरा
जब लोग बाथरूम में फोन लेकर जाते हैं, तो वे 5 मिनट की बजाय 15 से 20 मिनट तक वहीं बैठे रहते हैं, जिससे पाइल्स और एनल फिशर का खतरा बढ़ जाता है।
2 – बैक्टीरिया का अड्डा बनता फोन
बाथरूम में फ्लश के दौरान हवा में कई बैक्टीरिया और कण फैलते हैं, जो सीधे फोन पर जम जाते हैं। यह फोन फिर चेहरे, हाथों और खाने तक बैक्टीरिया पहुंचाता है।
3 – डोपामिन की लत लगती है
टॉयलेट में फोन स्क्रॉलिंग दिमाग को लगातार उत्तेजित करती है, जिससे डोपामिन की आदत मजबूत होती है और ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है।
4 – खराब आसन की समस्या
टॉयलेट में झुककर फोन देखने से गर्दन, पीठ और पेल्विक फ्लोर पर तनाव पड़ता है, जिससे ब्लैडर और बाउल कंट्रोल प्रभावित हो सकता है।