बार-बार छींकने के कारण और उपाय: जानें कैसे करें बचाव
छींकने की समस्या और इसके कारण
नई दिल्ली: सामान्यतः छींक को सर्दी और जुकाम से जोड़ा जाता है, लेकिन जब यह बार-बार होने लगे, तो यह एक समस्या बन जाती है। लगातार छींक आना सर्दी का संकेत नहीं, बल्कि यह एलर्जी का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में सिरदर्द और साइनस की समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।
सर्दियों में छींकने की समस्या
सर्दियों में हवा की शुष्कता नाक की नमी को कम कर देती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है और यह संक्रमण का कारण बन सकती है। इसके अलावा, वायु प्रदूषण भी नाक और फेफड़ों में संक्रमण का कारण बनता है। बार-बार छींकने से बचने के लिए कई आयुर्वेदिक उपाय मौजूद हैं, लेकिन पहले इसके कारण और लक्षणों को समझना आवश्यक है।
छींकने के लक्षण
बार-बार छींकने की समस्या सर्द हवा के नाक में सीधे संपर्क में आने से हो सकती है, जिससे नाक के अंदर इरिटेशन होता है। इससे आंखों और नाक से पानी बहने लगता है। धुएं के संपर्क में आने पर नाक में खुजली और आंखों में जलन होती है। रात के समय छींक बढ़ जाती है और कफ जमने से सांस लेने में कठिनाई होती है, जिससे नींद भी प्रभावित होती है।
बचाव के उपाय
इन समस्याओं से बचने के लिए नाक को कपड़े से ढककर रखें ताकि सीधी हवा न लगे। ठंडे पानी का सेवन न करें और सुबह-शाम भाप लें, जिससे नाक में नमी बनी रहेगी। रात में नाक में तिल या अणु का तेल डालें, इससे संक्रमण कम होगा। हल्दी वाला दूध रात में पीने से शरीर गर्म रहेगा और बाहरी वातावरण से सुरक्षा मिलेगी। रोजाना धूप में बैठें और विटामिन सी से भरपूर खट्टे फलों का सेवन करें। नाक के आसपास की सफाई का ध्यान रखें।
