बाल विवाह से बचाई गई 16 वर्षीय लड़की, परिवार को दी गई कानूनी जानकारी

बाल विवाह की रोकथाम में सफलता
जींद में बाल विवाह निषेध अधिकारी की टीम ने बुधवार को खेड़ा खेमावती गांव में एक नाबालिग लड़की को विवाह के बंधन में बंधने से बचाया। सूचना मिलने पर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शादी को रुकवाया और परिवार को विवाह न करने की चेतावनी दी। साथ ही, उन्हें बाल विवाह अधिनियम के बारे में जानकारी दी गई। परिवार ने आश्वासन दिया कि वे लड़की के बालिग होने पर ही विवाह करेंगे।
परिवार की टालमटोल
बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली थी कि गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी की जा रही है और बारात सोनीपत जिले के रामगढ़ से आ रही है। इस पर कार्रवाई करते हुए, अधिकारी रवि लोहान, हवलदार ओमप्रकाश, महिला सिपाही रीतु, नीलम और प्रवीन मौके पर पहुंचे। जब टीम ने लड़की के परिवार से जन्म प्रमाण पत्र मांगा, तो परिजनों ने पहले टालने की कोशिश की, लेकिन बाद में उन्हें कार्यालय में बुलाया गया।
अनपढ़ माता-पिता की स्थिति
जांच में लड़की की उम्र 16 वर्ष पाई गई। परिजनों ने बताया कि वे अनपढ़ हैं और कानून की जानकारी नहीं रखते। इस पर अधिकारियों ने उन्हें समझाया कि उनकी बेटी नाबालिग है और उन्हें उसकी शादी के लिए इंतजार करना चाहिए। यदि वे नाबालिग लड़की की शादी करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। परिवार ने सहमति जताई और शादी को स्थगित कर दिया।