बाहर के खाने के शौक से मोटापे की समस्या और मानसिक स्वास्थ्य
बाहर के खाने का बढ़ता चलन
समाचार:- आजकल की जीवनशैली में लोग तला-भुना खाना खाने के आदी हो गए हैं। यह भोजन इतना आकर्षक लगता है कि लोग घर का बना खाना खाना भूल जाते हैं। इस आदत के कारण व्यक्ति का वजन बढ़ने लगता है, जिससे उसका शरीर अस्वस्थ दिखने लगता है। ऐसे में व्यक्ति को बाहर जाने में शर्मिंदगी महसूस होती है।
सामाजिक दबाव और मानसिक तनाव
जब व्यक्ति बाहर जाता है, तो उसे कई नकारात्मक टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है। लोग उसे गलत नजर से देखते हैं और उसकी आलोचना करते हैं। इस प्रकार की स्थिति में व्यक्ति अपने बारे में सोचता रहता है, जिससे उसे मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। यह तनाव उसे चिड़चिड़ा बना देता है और वह अपने परिवार के सदस्यों पर गुस्सा करने लगता है, जिससे पारिवारिक जीवन प्रभावित होता है।
अकेलापन और डिप्रेशन
इस प्रकार की स्थिति व्यक्ति के लिए नर्क जैसी हो जाती है। वह हर किसी से झगड़ने लगता है और अकेलेपन का शिकार हो जाता है। इस अकेलेपन के कारण व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है, जो इतना गंभीर हो सकता है कि वह अपने आप को असहज महसूस करने लगता है।
समाधान और सुधार के उपाय
इस स्थिति से बाहर निकलने में व्यक्ति को समय लगता है, क्योंकि उसका आत्मविश्वास भी प्रभावित होता है। ऐसे में, हमें चाहिए कि हम ऐसे व्यक्तियों के साथ सहानुभूति से पेश आएं और उन्हें समझाएं कि समाज में उनकी भी एक पहचान है। योग और प्राणायाम का अभ्यास करना, और सुबह गर्म पानी पीना, मोटापे को कम करने में मदद कर सकता है। गर्म पानी पीने से शरीर की गंदगी बाहर निकल जाती है।