बिजनौर में दहेज की मांग से टूटी शादी: ट्रैक्टर की मांग ने मचाई अफरा-तफरी

बिजनौर में दहेज की मांग से शादी का टूटना
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां दहेज में ट्रैक्टर की मांग के कारण एक शादी रद्द हो गई। यह मामला बिजनौर की जन्नत कॉलोनी का है, जहां दूल्हे की अचानक मांग ने दो परिवारों के रिश्ते को समाप्त कर दिया और मामला पुलिस तक पहुंच गया।
जानकारी के अनुसार, फातिमा नाम की युवती की बारात 5 जुलाई को आने वाली थी। लड़की के पिता इफ्तेकार अहमद ने बताया कि उन्होंने दूल्हा अनस के घर पहले ही 6 लाख रुपये से अधिक का सामान भेज दिया था। लेकिन बारात से ठीक दो दिन पहले, यानी 3 जुलाई को अनस के परिवार ने अचानक ट्रैक्टर की मांग रख दी। यह सुनकर फातिमा के पिता ने अपनी असमर्थता जताई और कहा कि यह उनकी आर्थिक स्थिति से बाहर है।
शादी में हुआ विवाद
शादी बनी महाभारत का मैदान
ट्रैक्टर की मांग को लेकर दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही हाथापाई और मारपीट में बदल गई। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ओर से करीब दस से ज्यादा लोग घायल हो गए। विवाह स्थल पर लगे शामियाने, मंडप और सजावट के बीच अफरा-तफरी मच गई। दूल्हे अनस ने गुस्से में आकर निकाह से इनकार कर दिया और शादी वहीं टूट गई।
पुलिस में शिकायत दर्ज
पुलिस में शिकायत, कार्रवाई शुरू
शादी टूटने के बाद दुल्हन के पिता इफ्तेकार ने तुरंत नजीबाबाद पुलिस थाने में जाकर दूल्हे अनस और उसके सात परिजनों के खिलाफ दहेज की मांग और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और घायल पक्षों के मेडिकल परीक्षण कराए जा रहे हैं।
परिवार में सदमा
दुल्हन और परिवार सदमे में
फातिमा के पिता इफ्तेकार का कहना है कि वे दिल के मरीज हैं और इस पूरे घटनाक्रम से बेहद आहत हैं। उन्होंने कहा कि शादी की तैयारियों में महीनों की मेहनत और बड़ी रकम खर्च हो चुकी थी। वहीं फातिमा की मां शहाना ने बताया कि उनकी बेटी इस घटना से गहरे सदमे में है और बार-बार रोते हुए खुद को कमरे में बंद कर लेती है।
दहेज प्रथा पर सवाल
दहेज प्रथा पर फिर उठे सवाल
यह मामला एक बार फिर समाज में फैली दहेज प्रथा की क्रूरता को सामने लाता है। एक ऐसा समय जब लड़की के परिवार ने लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं, उस वक्त ट्रैक्टर की मांग ने एक परिवार की खुशियों को तबाह कर दिया। अब पुलिस की कार्रवाई और सामाजिक चेतना ही ऐसे मामलों पर लगाम लगा सकती है।