बिहार में मशरूम खेती के लिए किसानों को मिलेगी भारी सब्सिडी

बिहार सरकार की नई योजना
मशरूम खेती के लिए सब्सिडी: पटना : बिहार सरकार ने किसानों, विशेषकर महिलाओं के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य मशरूम खेती को प्रोत्साहित करना है।
सब्सिडी की जानकारी
इस योजना के अंतर्गत किसानों को मशरूम की खेती के लिए 50 से 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। खासकर महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से और कैसे आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
कम लागत में अधिक लाभ
मशरूम की खेती पारंपरिक फसलों की तुलना में कम लागत में अधिक लाभ देती है। बिहार जैसे राज्यों में, जहां खेती की भूमि सीमित है, मशरूम की खेती किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है।
यह खेती साल में कई बार फसल देती है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है। यदि आप अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकती है।
किट पर सब्सिडी
बिहार सरकार ने मशरूम खेती को सरल बनाने के लिए किट पर भारी सब्सिडी देने की घोषणा की है।
पैडी और ऑयस्टर मशरूम किट की कीमत 75 रुपये है, जिसमें सरकार 90% यानी 67.50 रुपये की सब्सिडी देगी।
बटन मशरूम किट की लागत 90 रुपये प्रति किट है, और इसमें 81 रुपये का अनुदान मिलेगा।
किट की संख्या: प्रत्येक किसान को 25 से 100 किट तक का लाभ मिल सकता है, जिससे आप कम निवेश में मशरूम की खेती शुरू कर सकते हैं।
झोपड़ी निर्माण में सहायता
मशरूम की खेती के लिए विशेष झोपड़ी या मशरूम हट की आवश्यकता होती है, जिसमें तापमान और नमी को नियंत्रित किया जाता है।
सरकार ने इस पर भी किसानों की सहायता करने का निर्णय लिया है। मशरूम खेती करने वाले किसानों को झोपड़ी निर्माण के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जिससे खेती का खर्च और भी कम हो जाएगा।
महिलाओं को प्राथमिकता
इस योजना की एक विशेषता यह है कि इसमें महिला किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कम से कम 30% लाभार्थी महिलाएं होंगी।
यह कदम न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगा। यदि आप एक महिला किसान हैं, तो यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है।
जल्दी करें आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने 'पहले आओ, पहले पाओ' की नीति अपनाई है। इसका मतलब है कि जो किसान जल्दी आवेदन करेंगे, उन्हें सबसे पहले सब्सिडी मिलेगी। इसलिए, इस अवसर को हाथ से न जाने दें।