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बिहार में विकसित होगा विशाल औद्योगिक क्षेत्र, 1.09 लाख नौकरियों का होगा सृजन

बिहार के गया में एक विशाल औद्योगिक क्षेत्र का विकास हो रहा है, जिसमें 1670 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इस परियोजना से 1.09 लाख नौकरियों का सृजन होगा और 16524 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह औद्योगिक क्षेत्र कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, और तकनीकी उद्योगों के विकास पर केंद्रित होगा। जानें इस परियोजना की प्रगति और इसके संभावित लाभों के बारे में।
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बिहार में विकसित होगा विशाल औद्योगिक क्षेत्र, 1.09 लाख नौकरियों का होगा सृजन

बिहार का नया औद्योगिक क्षेत्र


Auto Components: बिहार के एक शहर में औद्योगिक क्षेत्र के विकास से तस्वीरें बदलने वाली हैं। राज्य में सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के लिए 1670 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। अगले कुछ महीनों में निर्माण के लिए एजेंसी का चयन करने हेतु टेंडर जारी किया जाएगा। गया के डोभी प्रखंड में यह औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किया जा रहा है। समेकित विनिर्माण क्लस्टर (IMC) का निर्माण अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में होगा, जिसमें 16524 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और 1.09 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।


1670 एकड़ भूमि का अधिग्रहण

डोभी प्रखंड में औद्योगिक क्षेत्र का विकास

बिहार का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र डोभी प्रखंड में स्थापित किया जा रहा है, जिसके लिए 1670 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। यह समेकित विनिर्माण क्लस्टर (IMC) गया में अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर (AIC) परियोजना के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है। हाल ही में, इस परियोजना की प्रगति पर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें निर्णय लिया गया कि जुलाई के पहले सप्ताह में निर्माण करने वाली कंपनी या एजेंसी के चयन के लिए टेंडर जारी किया जाएगा।


उद्योगों का विकास

क्या उद्योग स्थापित होंगे?

यह राष्ट्रीय परियोजना पांच राज्यों से जुड़ी हुई है। आईएमसी गया का निर्माण केंद्र सरकार के राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है। यहां कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, रेडीमेड गार्मेट और तकनीकी क्षेत्रों (जैसे ऑटो पार्ट्स, स्टील उत्पाद, एयरोस्पेस, सुरक्षा, भवन सामग्री, फर्नीचर, हैंडलूम और हस्तशिल्प) के विकास की योजना है।


16524 करोड़ रुपये का निवेश

IMC गया का महत्व

IMC गया राज्य का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बनने जा रहा है। इस परियोजना का कुल खर्च 1339 करोड़ रुपये है और 1.09 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। 1670 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने में 462 करोड़ रुपये का खर्च आया है। विकसित होने पर यहां 16524 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है। औद्योगिक इकाइयों को प्लग एंड प्ले की सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, बिजली, पानी और सड़क जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है।


सड़क परियोजना का विकास

गया के डोभी प्रखंड में निर्धारित स्थान को एनएच-19 (GT Road) से जोड़ने के लिए एक विशेष सड़क परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह सड़क स्वर्ण चतुर्भूज सड़क योजना से सीधे जुड़ जाएगी। 16 मई को हुई राज्य मंत्रिमंडल समूह की बैठक में इस सड़क के निर्माण के लिए 142 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई।


परियोजना की प्रगति

अब तक की उपलब्धियां

यूनेस्को ने गया को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया है। इस परियोजना के आरंभ होने से इसे नई पहचान मिलेगी। राज्य सरकार ने 6 मार्च को स्टांप ड्यूटी में छूट की घोषणा की। 18 मार्च को पर्यावरणीय स्वीकृति भी दी गई। योजना की निगरानी के लिए एक कंपनी का चयन किया गया है।


परियोजना के लाभ

इससे होने वाले लाभ

इस परियोजना के पूरा होने से बिहार देश के औद्योगिक कॉरिडोर में मजबूती से उभरेगा। यह पूर्व बाजार से जुड़ जाएगा और पूर्वोत्तर भारत, नेपाल, बांग्लादेश और भूटान से सीधे संपर्क स्थापित करेगा।