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बीमा प्रीमियम में जीएसटी कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं मिल रहा

हाल के सर्वेक्षणों से यह स्पष्ट हुआ है कि बीमा कंपनियां जीएसटी कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं दे रही हैं। 43 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें कोई लाभ नहीं मिला, क्योंकि कंपनियों ने पहले ही प्रीमियम बढ़ा दिए थे। स्वास्थ्य बीमा में भी कंपनियां प्रदूषण के नाम पर प्रीमियम बढ़ाने की योजना बना रही हैं। जानें इस मुद्दे के पीछे की सच्चाई और इसके संभावित प्रभाव।
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बीमा प्रीमियम में जीएसटी कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं मिल रहा

बीमा प्रीमियम में वृद्धि की नई वजहें

हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से यह स्पष्ट हुआ है कि बीमा प्रीमियम में जीएसटी कटौती का जो शोर मचाया गया था, उसका लाभ ग्राहकों को नहीं मिल रहा है। सर्वे में 43 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें कोई लाभ नहीं मिला, क्योंकि कंपनियों ने जीएसटी कटौती से पहले ही प्रीमियम में वृद्धि कर दी थी। जीवन बीमा में पहले से ही जीएसटी कम था, लेकिन असली चिंता स्वास्थ्य बीमा की है, जो भारत में बहुत कम है। स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत प्रीमियम लगता था, जिसे अब जीरो कर दिया गया है। फिर भी, कंपनियों ने स्वास्थ्य बीमा को महंगा करना शुरू कर दिया है।


अब यह खबर आ रही है कि कंपनियां प्रदूषण के नाम पर प्रीमियम बढ़ाने की योजना बना रही हैं। प्रदूषण के आंकड़ों का उपयोग आम लोगों को राहत देने के लिए नहीं किया जा रहा है, बल्कि बीमा कंपनियां इसका उपयोग अपने बोझ को बढ़ाने के लिए करेंगी। विभिन्न शोधों से पता चला है कि प्रदूषण के कारण लोगों को केवल सांस की ही नहीं, बल्कि कई अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी आधार पर बीमा कंपनियां स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि करने पर विचार कर रही हैं। यह सोचने वाली बात है कि सरकार ने 18 प्रतिशत जीएसटी को समाप्त किया, लेकिन बीमा कंपनियां उतना ही प्रीमियम बढ़ा रही हैं ताकि उनकी कमाई में कोई कमी न आए।