बीमारियों का इलाज: दवाइयों की अहमियत और लक्षणों की पहचान

बीमारियों के प्रति लापरवाही न करें
हेल्थ कार्नर: कई लोग बीमार होने पर भी दवा नहीं लेते, यह सोचकर कि बिना दवा के भी उनकी समस्या ठीक हो जाएगी। चिकित्सकों का मानना है कि जो हल्की बीमारियाँ हम नजरअंदाज करते हैं, वे बाद में गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं। आमतौर पर लोग मानते हैं कि सर्दी, खांसी या बुखार कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाएंगे।
हालांकि, यह सच है कि बीमारी का ठीक होना हमारे इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है। जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, वे जल्दी बीमार पड़ते हैं और ठीक होने में भी अधिक समय लेते हैं। इसलिए, यह जरूरी नहीं है कि यदि आपका दोस्त जल्दी ठीक हो गया है, तो आप भी उतनी जल्दी ठीक हो जाएंगे। दवा लेने से परहेज न करें।
बुखार के लक्षण और उपचार
बुखार: कारण: मौसम में बदलाव, बैक्टीरिया, वायरल या अन्य संक्रमण।
लक्षण: 99 डिग्री सेल्सियस से अधिक बुखार, बार-बार जी मिचलाना, वजन कम होना, मुंह का कड़वा होना, और किसी काम में मन न लगना। ये मलेरिया, डेंगू या निमोनिया के संकेत हो सकते हैं।
उपचार: घबराएं नहीं, और अपने लक्षणों के बारे में डॉक्टर को बताएं और आवश्यक जांच कराएं।
पेटदर्द और उसके कारण
पेटदर्द: कारण: दूषित खाद्य या पेय पदार्थ (फूड पॉइजनिंग), असंतुलित आहार या अनियमित दिनचर्या।
लक्षण: पेटदर्द के साथ उल्टियां, दस्त, भूख न लगना, और हल्का दर्द रहना।
उपचार: डॉक्टर से सलाह लें और खानपान में सुधार करें।
सर्दी और जुकाम के लक्षण
सर्दी या जुकाम: कारण: मौसम में बदलाव, एलर्जी, और दिनचर्या में अचानक परिवर्तन।
लक्षण: नींद न आना, घबराहट, सिरदर्द, बुखार।
उपचार: तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
कान दर्द और हल्की चोट
कान दर्द: कारण: कान में पानी जाना, संक्रमण, या कान में कोई ठोस चीज।
उपचार: ईएनटी विशेषज्ञ से मिलें।
हल्की चोट: साधारण चोट, कटने या जलने पर फर्स्ट एड और टिटनस का इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। घाव को जल्दी भरने और संक्रमण से बचाने के लिए दर्द निवारक बाम का उपयोग करें।