हेल्थ कार्नर: बेर के फल, पत्ते, छाल और गोंद में कई औषधीय गुण मौजूद हैं। यह जी घबराने, उल्टी और गर्भावस्था के दौरान होने वाले पेटदर्द को कम करने में सहायक होता है।
आयुर्वेद के अनुसार, बेर हृदय के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। इनका सेवन करने से बार-बार प्यास लगने की समस्या नहीं होती। सूखे बेर को पीसकर बनाया गया सत्तू कफ और वायु दोषों को समाप्त करता है।
छोटे आकार के ये बेर खट्टे-मीठे होते हैं, जिन्हें झड़बेर भी कहा जाता है। इन्हीं बेरों से सत्तू तैयार किया जाता है। बेर को नमक और काली मिर्च के साथ खाने से अपच की समस्या में राहत मिलती है। इसके अलावा, बेर को छाछ के साथ लेने से घबराहट, उल्टी और पेटदर्द में आराम मिलता है। नियमित रूप से बेर का सेवन करने से अस्थमा और मसूड़ों के घाव भरने में मदद मिलती है।
बेर खाने से थकान और खुश्की दूर होती है। बेर और नीम के पत्ते पीसकर सिर पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है।