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ब्याज दरों में कटौती की संभावना: RBI की आगामी बैठक पर नजर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है। अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के चलते, अर्थशास्त्रियों का मानना है कि केंद्रीय बैंक दिसंबर में दरों में कमी कर सकता है। खाद्य मुद्रास्फीति में अप्रत्याशित गिरावट और जीएसटी के प्रभाव से मुद्रास्फीति दर में कमी की उम्मीद है। जानें इस विषय पर अधिक जानकारी और संभावित प्रभावों के बारे में।
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ब्याज दरों में कटौती की संभावना: RBI की आगामी बैठक पर नजर

ब्याज दरों में संभावित कटौती


ब्याज दरों में कटौती की संभावना: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले महीने अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरों में कमी कर सकता है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अक्टूबर में मुद्रास्फीति में कमी के चलते, केंद्रीय बैंक दिसंबर में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में फिर से कटौती कर सकता है।


अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 0.25 प्रतिशत के ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुंच गई, जो सितंबर में 1.44 प्रतिशत थी। यह मौजूदा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) श्रृंखला में सबसे कम दर है। इस गिरावट का कारण खाद्य मुद्रास्फीति और मुख्य मुद्रास्फीति दोनों में कमी है।


मुद्रास्फीति में अप्रत्याशित गिरावट

क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खाद्य मुद्रास्फीति में अपेक्षा से अधिक गिरावट, खाद्य उत्पादों की मजबूत आपूर्ति, वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में कमी और जीएसटी के लाभों के चलते, इस वित्तीय वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 2.5 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो पिछले वर्ष के 4.6 प्रतिशत से कम है।


रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जीएसटी का प्रभाव अक्टूबर में कई प्रमुख श्रेणियों पर पूरी तरह से नहीं पड़ा है, और इसका असर नवंबर में देखने को मिल सकता है। वर्तमान में खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में 0.9% पर है, और जीएसटी के प्रभाव से इसमें और कमी आ सकती है।


कटौती की संभावनाएं

आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के अनुसार, खाद्य कीमतों में धीमी वृद्धि और सीपीआई बास्केट में कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों के प्रभाव को देखते हुए, RBI की मौद्रिक नीति समिति वित्त वर्ष 2026 के लिए अपने खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 2.6% से और कम कर सकती है। इससे दिसंबर की मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ जाती है।


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