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ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस: सोचने से उपकरणों को नियंत्रित करने की नई तकनीक

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) एक नई तकनीक है जो सोचने के माध्यम से उपकरणों को नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करती है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस तकनीक का सफल परीक्षण किया है, जिसमें मस्तिष्क में इलेक्ट्रोड्स का उपयोग किया गया है। यह तकनीक विशेष रूप से लकवाग्रस्त और बोलने में असमर्थ लोगों के लिए फायदेमंद है। हालांकि, यह अभी अपने प्रारंभिक चरण में है, लेकिन इसके विकास में कई कंपनियां शामिल हैं, जिसमें एलन मस्क की न्यूरालिंक प्रमुख है। भविष्य में, यह तकनीक स्मार्टफोन और अन्य उपकरणों को बिना हाथ या आवाज़ के नियंत्रित करने की संभावना प्रदान कर सकती है।
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ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस: सोचने से उपकरणों को नियंत्रित करने की नई तकनीक

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस की नई तकनीक

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस: विज्ञान ने एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है। शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक का विकास किया है, जो केवल सोचने के माध्यम से कंप्यूटर को निर्देशित कर सकती है। इसे ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) कहा जाता है। इस प्रणाली के जरिए व्यक्ति बिना किसी शब्द या क्रिया के, केवल विचारों के माध्यम से उपकरणों को संचालित कर सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो लकवाग्रस्त हैं या बोलने और सुनने में असमर्थ हैं।


स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी का प्रयोग

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तकनीक का परीक्षण किया 

हाल ही में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस तकनीक का सफल परीक्षण किया। इसमें एक व्यक्ति के मस्तिष्क में इलेक्ट्रोड्स लगाए गए, जो न्यूरॉन्स की गतिविधियों को रिकॉर्ड करते हैं। जब व्यक्ति कोई विचार करता है, तो उसके मस्तिष्क में विशिष्ट इलेक्ट्रिकल सिग्नल उत्पन्न होते हैं। BCI इन सिग्नल्स को पकड़कर कंप्यूटर को भेजता है, जो उन्हें क्रियाओं में परिवर्तित करता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई सोचता है कि टीवी चालू करो, तो कंप्यूटर उस आदेश को समझकर टीवी को चालू कर देता है.


EEG तकनीक का उपयोग

प्रक्रिया में EEG का उपयोग 

इस प्रक्रिया में आमतौर पर EEG (इलेक्ट्रोएंसेफलोग्राफी) का उपयोग किया जाता है, जिसमें एक विशेष टोपी पहनी जाती है जिसमें सेंसर्स लगे होते हैं। यह टोपी मस्तिष्क से निकलने वाले सिग्नल्स को पढ़ती है और उन्हें डिजिटल कमांड में बदल देती है।


तकनीक के विकास के चरण

तकनीक अभी प्रारंभिक चरण में है 

हालांकि यह तकनीक अभी अपने प्रारंभिक चरण में है और आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह तेजी से विकसित हो रही है। कई कंपनियां और अनुसंधान प्रयोगशालाएं इस पर कार्य कर रही हैं। एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक इस क्षेत्र में अग्रणी मानी जाती है, जो मस्तिष्क में छोटी चिप्स के माध्यम से सटीक निर्देश देने की दिशा में काम कर रही है।


भविष्य की संभावनाएं

भविष्य में तकनीक का प्रभाव 

इस तकनीक के माध्यम से भविष्य में हम बिना हाथ या आवाज़ का उपयोग किए स्मार्टफोन, व्हीलचेयर, रोबोट या घरेलू उपकरणों को नियंत्रित कर सकेंगे। हालांकि, इसके साथ डेटा सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताएं भी हैं, जिन पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।