ब्रेन स्ट्रोक: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण: त्रिपुरा विधानसभा के स्पीकर विश्व बंधु सेन को अचानक ब्रेन स्ट्रोक का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना गुरुवार को हुई, और शुक्रवार को मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अस्पताल जाकर उनका हालचाल लिया। अच्छी बात यह है कि विश्व बंधु अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं, क्योंकि उन्हें समय पर चिकित्सा सहायता मिली और उनकी सर्जरी सफल रही। ब्रेन स्ट्रोक जैसी स्थिति में त्वरित उपचार की आवश्यकता क्यों होती है? आइए जानते हैं।
सही समय पर इलाज क्यों आवश्यक है?
विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति है जिसमें मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह अचानक रुक जाता है। इस स्थिति में हर मिनट कीमती होता है, क्योंकि एक मिनट की देरी से मस्तिष्क की लाखों कोशिकाएं नष्ट हो सकती हैं। इसे 'गोल्डन पीरियड' कहा जाता है, जो लगभग 4.5 घंटे का होता है। यदि इस अवधि के भीतर उचित उपचार मिल जाए, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।
यदि स्थिति गंभीर हो, तो डॉक्टरों को तुरंत सर्जरी करने की आवश्यकता होती है, जो मस्तिष्क में रक्त के थक्के या सूजन को रोकने में मदद करती है।
ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि का कारण
हाल के वर्षों में, ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है, और भारत में भी यह समस्या बढ़ रही है। डॉक्टरों का मानना है कि यह बदलती जीवनशैली का परिणाम है। अनियमित आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी, धूम्रपान और शराब का सेवन जैसे कारक स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापा भी इसके जोखिम को बढ़ाते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक से बचाव के उपाय
ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए सबसे पहले एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है। संतुलित आहार से मोटापा और शुगर नियंत्रित रहेगा। नियमित व्यायाम या योग करने से उच्च रक्तचाप, मोटापा और तनाव कम होगा। धूम्रपान और शराब से दूर रहना भी महत्वपूर्ण है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
- बोलने में कठिनाई।
- शरीर के एक हिस्से में सुन्नता या कमजोरी।
- चक्कर आना या अचानक दृष्टि धुंधलाना।